वैसे तो बारिश का मौसम सभी को सुहावना लगता है, लेकिन इस मौसम में उमस के कारण त्वचा बहुत अधिक प्रभावित होती है और त्वचा से जुड़ी तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। इस मौसम में होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स से केवल चेहरे की त्वचा पर ही बुरा असर नहीं पड़ता है बल्कि शरीर के अन्य भागों पर भी स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स दिखाई देने लगती है।
मानसून में होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स
बरसात के मौसम में स्किन फंगल इंफेक्शन सबसे आम बात है। मानसून में एयर में मॉइश्चर होने के कारण फंगल इंफेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है। किसी भी तरह की होम रेमेडीज और दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले किसी त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।
बारिश के मौसम में बालतोड़ या पस वाले फोड़े हो जाती है। यह समस्या सबसे अधिक डायबिटीज के मरीजों को होती है। स्टेरॉयड युक्त क्रीम समस्या को कम करने की जगह उसे बढ़ा देती है। इसलिए इस तरह की प्रॉब्लम के लिए डॉक्टर हमेशा एंटीबायोटिक दवाओं को लेने की सलाह देते हैं।
बारिश के पानी में भीगने के कारण रैशेज की समस्या भी हो जाती है। कई बार उमस के कारण जब स्किन पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं, तब त्वचा में ऑयल की कमी होने लगती है और वह ड्राई हो जाती है। इससे हीट रैशेज हो जाते हैं। इस समस्या का सबसे अच्छा इलाज डॉक्टर अमित जेल और वॉटर बेस्ड मॉइश्चराइजर का यूज करना बताते हैं।
इस मौसम में सबसे ज्यादा स्किन टैनिंग की समस्या हो जाती है। इस मौसम में जेल बेस्ड 15 से 30 एसपीएफ वाली नॉन-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
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