बीते दिनों में कोरोना ने राजस्थान में भारी तबाही मचाई थी। राजस्थान में सरकार की अंदरूनी हलचल अभी ख़त्म नहीं हुई है। अब राजनीति अनाथ बच्चों के इर्द-गिर्द केंद्रित होती दिख रही है। मुख्यमंत्री अशोक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड के कारण अनाथ बच्चों के लिए घोषित पैकेज की आलोचना की और राजस्थान सरकार द्वारा घोषित पैकेज की प्रशंसा की।
इस बीच, राज्यसभा भाजपा सांसद किरोरीलाल मीणा ने शनिवार को 30 अनाथ बच्चों और उनके परिवारों के साथ मुख्यमंत्री आवास के पास धरना देकर सभी को चौंका दिया और उनके लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित आर्थिक पैकेज की मांग की।
राजस्थान सरकार ने उन बच्चों को एक लाख रुपये की तत्काल राहत देने की घोषणा की थी, जिनके माता-पिता कोविड से मर गए और महिलाएं, जो महामारी के दौरान विधवा हो गईं। इसके अतिरिक्त, इन बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 2,500 रुपये प्रति माह और 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि विधवाओं को 1,500 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी। मीणा ने राज्य में अन्य अनाथ बच्चों के लिए भी इसी तरह के पैकेज की मांग की।
राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खरियावास मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और मीणा से बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। मीणा ने अंतत: विरोध समाप्त कर दिया।
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