इंसान के इस सांसारिक जीवन में किये गए कामों के आधार पर मरने के बाद स्वर्ग और नरक का मार्ग खुलता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के पश्चात् कैसे मनुष्य के कर्मों का हिसाब होता है। कुछ कर्मों को गरुड़ पुराण में इतना बड़ा पाप माना गया है, जिसे करने वाले मनुष्य को नर्क की प्रताड़ना से कोई नहीं बचा सकता है।
ये लोग होते हैं नर्क के भागीदार
# कभी किसी स्त्री का अनादर न करें, उसकी अस्मिता से न खेलें। महाभारत काल में कौरवों ने भी यही त्रुटि की थी तथा अपना विनाश तय कर लिया था। ऐसे व्यक्तियों को धरती पर तो अपयश सहना ही पड़ता है।
# भ्रूण, नवजात तथा गर्भवती के क़त्ल को घोर पाप माना गया है। ऐसे मनुष्य की मृत्यु के पश्चात् बहुत दुगर्ति होती है। इसलिए भूलकर भी इस प्रकार का पाप न करें।
# किसी कमजोर तथा निर्धन का शोषण करने वालों और उनका मजाक उड़ाने वालों को भी नर्क की यातननाएं भोगनी पड़ती हैं।
# मेहमान का अपमान करना, उसे घर से भूखा ही भेज देना भी पाप की श्रेणी में आता है। इसके अतिरिक्त अपनी खुशी के लिए दूसरों के सुख को छीन लेने वाला भी दोषी कहलाता है।
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