हमारे शास्त्रों के अनुसार हवन करवाने से प्रदूषण मुक्त वातावरण प्राप्त होता है। इससे आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, बुरी घटना टालने या इच्छाएं पूर्ण करने के लिए हवन किया जाता है। हवन में बेल, नीम, कलींगज, आम की लकड़ी, पीपल की छाल, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, बेर, कपूर, शकर जौ, चावल, चंदन की लकड़ी को अग्नि में डाला जाता है, जिससे निकलने वाले धुएं से वातावरण उत्तम होता है।
क्यों किया जाता है हवन पूजन
हवन में गोबर के बने उपलों का उपयोग होता है जिनसे 94 प्रतिशत जीवाणुओं का नाश हो जाता है। इसके अतिरिक्त हवन करने से कई हानिकारक रोगों से निजात प्राप्त होता है।
यदि किसी मनुष्य के जीवन में ग्रह दोष की परेशानी है तो हवन करना चाहिए। हवन करवाने से ग्रहों की दशा शांत होती है। हवन पूजा होने के पश्चात् ब्रह्माणों को खाना खिलाएं। तत्पश्चात, धन और वस्त्रों का दान करें।
घर बनाने में किसी प्रकार का कोई वास्तुदोष न रह जाएं। इसलिए निर्माण से पहले शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन तथा शिलान्यास की उपसना की जाती है। इसके पश्चात् घर बनने के पश्चात् गृह प्रवेश की पूजा की जाती है।
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