भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव को इस भू लोक में शिव लिंग स्वरूप में सबसे ज्यादा पूजा जाता है। यही नहीं समूचे देश में भगवान शिव के कई ऐसे मंदिर हैं जहां पूजन - अर्चन कर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाऐं पूरी करते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग पर जलअर्पित करने और उन्हें दूध से अभिषेक कर प्रसन्न किया जाता है। इसलिए भोलेनाथ भी कहा जाता है।
नागबलि के दोष से मिल जाती है मुक्ति
देशभर में शिवजी के कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में कुछ ऐसे मंदिर हैं। मंदिरों में उज्जैन के शक्तिपीठ श्री हरसिद्धि मंदिर के समीप मौजूद श्री कर्ककोटेश्वर महादेव बहुत ही लोकप्रिय हैं। श्री कर्ककोटेश्वर महादेव का यह मंदिर वर्षों पुराना है और यहां पूजन करने से नागों के काटने का भय नहीं होता है। यहां सर्पदंश की संभावना से मुक्ति मिल जाती है।
इस मंदिर में भगवान शिव का अष्टकोणीय शिवलिंग भी प्रतिष्ठापित है। ये अष्टकोण नागों के प्रतीक हैं। यही नहीं मंदिर में नागमाता की प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। इसके अलावा मंदिर में ही नागयंत्र स्थापित है। जहां पूजन अर्चन कर श्रद्धालु नागबलि के दोष से भी मुक्त हो जाता है। यह मंदिर पितृदोष के निवारण के लिए भी जाना जाता है।
Post A Comment:
0 comments: