भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना टीके लगवाने वाला देश बन गया है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेगनेंट महिलाओं के टीकाकरण को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तीन दिन पहले ही सरकार ने कहा था कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीका लगाया जा सकता है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए और कहा कि गर्भावस्था से कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। गाइडलाइन में कहा गया है कि ज्यादातर गर्भवती महिलाएं असिंटोमेटिक होंगी या उनमें हल्के लक्षण नजर आएंगे, लेकिन उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि वे कोविड-19 से खुद को बचाने के लिए सभी सावधानी बरतें, जिसमें कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण भी शामिल है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिला को कोविड-19 के टीके लेने चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान यदि कोई महिला कोविड-19 से संक्रमित हो गई है, तो उसे प्रसव के तुरंत बाद टीका लगाया जाना चाहिए। क्या कोविड-19 टीकों का कोई दुष्प्रभाव है, इस पर मंत्रालय ने कहा कि उपलब्ध कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 बीमारी से बचाता है।
किसी भी दवा की तरह एक टीके के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो सामान्य रूप से हल्के होते हैं। वैक्सीन का इंजेक्शन लगवाने के बाद महिला को हल्का बुखार हो सकता है, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है या 1-3 दिनों तक अस्वस्थ महसूस हो सकते हैं।
गाइडलाइन में कहा गया है कि भ्रूण और बच्चे के लिए टीके के दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव और सुरक्षा अभी तक स्थापित नहीं हुई है। बहुत कम (1-5 लाख में से एक) गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण प्राप्त करने के 20 दिनों के भीतर कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
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