मुंबई। आज राज कपूर की पुण्यतिथि है। 2 जून, 1988 को उनका देहातं हो गया था। राज कपूर अपनी फिल्मों के अलावा पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहे थे। एक जमाने में उनका एक्ट्रेस नरगिस से अफेयर रहा। राज कपूर ने कृष्णा राज कपूर से शादी की थी। नरगिस के बाद उनका अफेयर अभिनेत्री वैजयंती माला से रहा। इस बारे में राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने भी अपनी बॉयोग्राफी में पुष्टि की थी।
वैजयंती से अफेयर के चलते कृष्णा ने छोड़ा घर
'संगम' फिल्म की शूटिंग के दौरान राज कपूर और वैजयंती माला में काफी नजदीकियां आ गई थीं। दोनों ज्यादा से ज्यादा वक्त साथ बिताते थे। ये बात राज कपूर की पत्नी कृष्णा को खटक गई थी। ऋषि कपूर ने अपनी बॉयोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला' में पिता राज कपूर के नरगिस से अफेयर के बारे में खुलकर लिखा। नरगिस से रिश्ता टूटने के बाद राज कपूर का झुकाव वैजयंती माला की तरफ हो गया। ऋषि अपनी किताब में बताते हैं कि वैजयंती माला के साथ पति राज कपूर के अफेयर से नाराज कृष्णा बच्चों सहित होटल में रहने चली गई थीं। तब ऋषि बहुत छोटे थे और नरगिस से पिता के अफेयर से उनको कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला। ऋषि के अनुसार,'मुझे याद है कि जब पापा का वैजयंती माला के साथ अफेयर हुआ, तो उस समय मेरी मां के साथ मुझे मरीन ड्राइव स्थित नटराज होटल में जाना पड़ा। मेरी मां ने इस बार घर से बाहर निकलने का फैसला लिया। मेरे पिता ने मां और हमारे लिए एक अपार्टमेंट खरीदा था। होटल से हम दो महीने के लिए चित्रकूट के अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए।'
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वैजयंती ने राज कपूर को बताया पब्लिसिटी का भूखा
ऋषि ने लिखा है कि पापा ने मां को वापस लाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन मां ने साफ कह दिया था कि जब तक वैजयंती वाला मामला क्लियर नहीं होता, वे घर नहीं आएंगी। कुछ साल पहले वैजयंती ने राज कपूर से अफेयर की बात को यह कहकर इंकार दिया था कि वे पब्लिसिटी के भूखे थे और इसी कारण दोनों के अफेयर की कहानी बुनी थी। इससे ऋषि काफी नाराज हो गए थे। ऋषि के अनुसार,'मैं भड़क गया था। वह इतनी निंदनीय कैसे हो सकती हैं और दिखावा कर सकती हैं कि अफेयर कभी नहीं हुआ? उन्हें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का कोई अधिकार नहीं था, क्योंकि वह अब सच्चाई बयां करने के लिए जिंदा नहीं थे।'
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राज कपूर जिंदा होते, तो ऐसा नहीं होता
इस मामले पर ऋषि ने अपना अनुभव बताते हुए लिखा है कि वैजयंती के राज कपूर से अफेयर को नकारने और उन्हेंं पब्लिसिटी का भूखा कहने पर कई पत्रकारों ने उनसे सम्पर्क किया। उन्होंने वही बताया जो उनके दिल में चल रहा था। हालांकि समय गुजरता गया और उनका गुस्सा कम होता गया। उन्होंने इस बारे में किताब में लिखा,'मैंने स्वीकार किया कि लोग अपने कारणों से असहज तथ्यों पर प्रकाश डालते हैं, लेकिन मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि अगर पापा जिंदा होते तो वह इस अफेयर को इतना खुलकर नकारती नहीं या उन्हें पब्लिसिटी का भूखा नहीं कहतीं। मेरे पिता ने अपना ज्यादातर समय अपनी शर्तों पर जिया।'
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