मनुष्य इस धरती पर जो भी कर्म करता है उसका सारा लेखा जोखा होता है। उनके आधार पर ही अगला जन्म मिलता है। गीता में भी प्रभु श्री श्रीकृष्ण ने बताया है कि जिस प्रकार मनुष्य अपने वस्त्र को बदलकर नए वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा भी एक शरीर बदलकर नया शरीर धारण करती है। लेकिन मृत्यु के पश्चात् आत्मा को नया शरीर कैसे मिलता है?
किस योनि में लगेंगे जन्म
# जो इंसान परायी स्त्री से संबंध बनाता है, उसे घोर नर्क को झेलना पड़ता है। इसके पश्चात् उसे भेडि़या का शरीर मिलता है। इसके पश्चात् कुत्ता, फिर सियार, गिद्ध्, सांप, कौआ तथा आखिरी में बगुले का जन्म मिलता है।
# जो मनुष्य सोने की चोरी करता है, उसे कीड़ा मकोड़ा बनाया जाता है तथा जो चांदी चुराता है, उसे कबूतर का जन्म मिलता है।
# पिता समान बड़े भाई का अनादर करने वाले को 10 वर्षों तक कौंच नामक पक्षी की जिंदगी जीना पड़ता है। इससे पाप मुक्त होने के पश्चात् ही वो वापस इंसान की योनि में आता है।
# जो मनुष्य अपने पितरों तथा देवी देवताओं को संतुष्ट किए बगैर ही अपने प्राण त्याग देता है, उसे 100 सालों तक कौए, इसके पश्चात् वो मुर्गा बनता है तथा फिर एक माह के लिए सांप की योनि में जिंदगी गुजारता है।
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