चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि वह अमेजन प्राइम पर द फैमिली मैन 2 के प्रदर्शन को रोकने या इसपर प्रतिबंध लगाने के लिये तत्काल कार्रवाई करे। राज्य सरकार का कहना है कि इस फिल्म में ईलम तमिलों को बेहद आपत्तिजनक तरीके से दर्शाया गया है। तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री टी एम थंगाराज ने दावा किया कि इस धारावाहिक में निंदनीय, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण सामग्री है।
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जारी ट्रेलर में श्रीलंका में ईलम तमिलों के ऐतिहासिक संघर्ष को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। मंत्री ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में कहा, मैं आपको बताना चाहता हूं कि उपरोक्त धारावाहिक से न केवल ईलम तमिलों बल्कि तमिलनाडु के लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं और यदि इसे प्रसारित करने की अनुमति दी गई तो यह राज्य में सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल होगा।
ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर वेब सीरीज की आलोचना शुरू हो गई। जल्द ही, राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन देना शुरू कर दिया। द फैमिली मैन 2 पर प्रतिबंध लगाने के लिए सबसे पहले तमिल राष्ट्रवादी और तमिल राष्ट्रवादी के प्रमुख और नाम तमिझार काची के प्रमुख एस सीमन थे, जो लिट्टे के प्रभाकरण को अपना आदर्श मानते हैं। 2021 के चुनावों में, उनकी पार्टी DMK और AIADMK के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
उन्होंने कहा कि द फैमिली मैन 2 ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) को एक आतंकवादी संगठन और तमिलों को हिंसक लोगों के रूप में चित्रित किया। श्रीलंका से स्वतंत्र तमिल ईलम बनाने के लिए 1976 में वेलुपिल्लई प्रभाकरन द्वारा स्थापित लिट्टे को मई 1991 में पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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