साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते कुछ समय में साइबर ठगे के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी लापरवाही के चलते ही ठगी के शिकार होते हैं। मसलन वे साइबर ठग के जाल में फंसकर ही अपने बैंक खाते या अन्य निजी जानकारियों को साझा कर देते हैं।
क्यूआर कोड इंक्रिपटेड होते हैं। जिन्हें स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड स्कैनर की जरूरत होती है। जो गूगल प्ले और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध हैं। बैंक और ई-वालट एप में भी क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा होती है। राहुल के मुताबिक क्यूआर कोड को बेहद सुरक्षित मान जाते हैं। ऐसे में कोड स्कैन करते वक्त लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। इसी लापरवाही का फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं। वह बताते हैं कि अगर कोई आपको क्यूआर कोड भेज कर स्कैन करने के लिए कहता है। तो सचेत हो जाए। यह ठगों का तरीका है। क्योंकि अपने अकांउट में रुपये मंगाने के लिए क्यूआर कोड स्कैन या पिन नहीं डालना होता है।
इन बातों पर दें ध्यान
1- क्यूआर कोड स्कैन करते वक्त उसमें दर्ज नाम अवश्य जांच लें
2- व्हाटसएप या सोशल मीडिया से भेजे गए कोड को स्कैन न करें
3- अपने खाते में रुपये मंगाने के लिए कोड स्कैन नहीं करना होता है
4- केवल उन क्यूआर कोड को स्कैन कीजिए जो भरोसेमंद हों
यहां करें शिकायत
1- upcop एप के जरिए ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
2- cybercrime.gov.in पर देश के किसी भी हिस्से से शिकायत की जा सकती है।
3- हेल्पलाइन155260 पर काल कर अकाउंट फ्रीज कराया जा सकता है
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