जहां प्यार होता है वहां लड़ना-झगड़ना आम बात है लेकिन जब आप गुस्से में हों और कुछ अच्छा नहीं कह सकते हैं तो बुरा भी न कहें। ऐसे वक्त शांत रहें। यदि पति-पत्नी दोनों गुस्से में एक-दूसरे को कड़वी बातें कहेंगे तो बात और ज्यादा बढ़ जाएगी और रिश्ते में तनाव बना ही रहेगा इसलिए यदि सामने वाला कोई गलत बात कहता भी है तो कोशिश करें, शांत रहें।
पार्टनर को नहीं कहनी चाहिए ये बातें
कई लोग लड़ाई होने पर वे एकदूसरे पर दोषारोपण करते हुए यही कहते हैं कि तुमसे शादी नहीं करना थी। यह बात पार्टनर के दिल को ठेस पहुंचाती है। कई बार तो ऐसा कहने पर बात और भी बिगड़ जाती है।
मैं घर छोड़कर जा रही हूं/ रहा हूं, गुस्से में इस तरह की बात पति या पत्नी, किसी को भी नहीं कहना चाहिए। ऐसे में यदि सामने वाले ने कह दिया कि उसे फर्क नहीं पड़ता तो यह और भी ज्यादा तकलीफ दे सकता है।
मुझे पता था तुम ऐसे ही हो, जैसे आपको बहुत पहले से उसका अनुमान हो। ऐसा करने पर सामने वाले को इस बात का बुरा लग सकता है कि वो आप पर आंख मूंदकर विश्वास कर रहा था और आप उसे जज करते जा रहे थे।
मैंने तुम्हारे लिए इतना किया, अगर यह बात यदि गिना दी है तो उसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है। सामने वाला आगे आपको भी बार-बार ताने दे सकता है कि तुम कुछ न करो क्योंकि तुम बाद में एहसान जताओगे।
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