अक्सर रोने वालों को कमजोर दिल का कहा जाता है। हमारे समाज में रोना हमेशा कमजोरी की निशानी माना जाता है मगर ये पूरी तरह से सही नहीं है। जो लोग अकसर रोते हैं, वो न रोने वालों से भावनात्मक रूप से ज्यादा अच्छे होते हैं। यहां हम ‘क्राई बेबीज ‘ के ऐसे ही कुछ गुण बताने जा रहे हैं।
‘क्राई बेबीज' में भी होते हैं ये कमाल के गुण
# रोना तनाव से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे दिल की बीमारी, डायबीटीज, हायपर टेंशन जैसी न जाने कितनी बीमारियां घेर लेती हैं। बेहतर इनसे बचने के लिए थोड़े आंसू बहा लिए जाएं।
# जो लोग दूसरों के सामने रो लेते हैं, उनमें ये डर नहीं होता है। कमजोर होना बुरा हो सकता है लेकिन लोग इस बारे में क्या सोचेंगे, इसकी परवाह न करना, ये भी बढ़िया क्वॉलिटी है।
# अगर आप रो पाते हैं तो इसका मतलब है कि आपको भावनाओं की कद्र है और उसी के रिस्पॉन्स में रोते हैं। इससे आपके मन में कोई दबा भाव नहीं रह जाता।
# अगर कोई पुरुष सबके सामने रो लेता है तो इसका मतलब है कि समाज के थोपे हुए भेदभाव के नियम को नहीं मानता है।
# जो लोग रो लेते हैं उनका इमोशनल कोशेंट अच्छा होता है, वे दूसरों को भी उनकी भावनाओं से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करते हैं। वे दूसरों की भावनाओं को भी आसानी से समझ लेते हैं।
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