हिंदू धर्म में रविवार के दिन भगवान सूर्य को लोग प्रातः स्नान करने के पश्चात् अर्घ्य देते हैं। सूर्य को जल अर्पित करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। यदि आप पूरे सप्ताह भगवान सूर्यको जल अर्पित नहीं कर पाते हैं तो केवल रविवार के दिन करें। ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी माना जाता है। सूर्य को जल चढ़ाने से ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
शरीर पर पड़ने वाले छींटे शुभ होते है या अशुभ
सूर्य को जल अर्पित करते वक़्त जो छीटे हमारे बदन पर गिरते हैं वो सूर्य की किरणों से प्रभावित होती है तथा उस जल में कई शारीरिक समस्याओं को समाप्त करने की क्षमता होती है। ऐसा करने से शरीर निरोग एवं मन शांत रहता है।
सूर्य को अर्घ्य को देने से पहले प्रभु श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। गणेश जी की पूजा के समय हम अपने माथे पर कुमकुम तथा तिलक लगाते हैं। तिलक लगाने का मतलब है कि हम एकाग्रता के साथ ध्यान लगाते हैं।
भगवान सूर्य को प्रातः अर्घ्य देने से क्रोध, अंहकार जैसी भावनाओं को नियंत्रित करने में सहायता प्राप्त होती है। सूर्य को रोजाना अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
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