राजस्थान कांग्रेस में काफी लम्बे समय से मनमुटाव चल रहा है लेकिन बीच-बीच में हालात फिर सुधर जाते है। ऐसे ही कोरोना काल में बीजेपी में खेमेबंदी सामने आई है। वसुंधरा राजे खेमा कोरोना संकट के समय अब जरुरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए 'वसुंधरा जन रसोई' योजना लेकर आया है। राजस्थान के विभिन्न शहरी और ग्रामीण इलाकों में इसकी शुरुआत कर दी गई है।
BJP में भी दिखा मनमुटाव
वसुंधरा खेमे के इस कदम पर पार्टी में सुगबुगाहट हो रही है, लेकिन फिलहाल संगठन ने चुप्पी साध रखी है। इसको लेकर लगाए गए पोस्टर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी गायब है। बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले कोचिंग सिटी कोटा में राजे खेमे के समर्थक पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने वसुंधरा जन रसोई की शुरुआत की है।
हाड़ौती के गांवों में भी वसुंधरा जन रसोई के माध्यम से जरुरतमंदों को भोजन के पैकेट मुहैया करवाने का अभियान शुरू कर दिया गया है। इस योजना के पोस्टर में केवल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की ही तस्वीर है। पोस्टर में पीएम नरेन्द्र मोदी या फिर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया समेत अन्य किसी भी नेता का फोटो नहीं है।
इस बारे में पूर्व विधायक राजावत कहते हैं कि वसुंधरा जन रसोई बीजेपी से हटकर कोई रसोई नहीं है।
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