नई दिल्ली। पूरे देश में नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो चुकी है। आज से नौ दिनों तक माता के अलग-अलग रूपों के पूरे विधि विधान से पूजा की जाएगी। कई लोग नौ दिनों व्रत भी रखते हैं। वहीं, कुछ लोग पहले दिन और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता की पूजा में अलग-अलग मंत्र, भजन और कथा के जरिए की जाती है। लेकिन माता की पूजा में एक और सबसे जरूरी चीज है-आरती। आरती के बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। इस आरती को करने से माता जरूर प्रसन्न होंगी।
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मां दुर्गा की आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥
पूजा करने के बाद अगर आप इस आरती को गाते हैं तो माता जरूर प्रसन्न होंगी। इस आरती से आपकी पूजा पूरी हो जाएगी। आरती के अलावा आप नवरात्रि व्रत कथा भी पढ़ सकते हैं। व्रत रखने वाले लोग नौ दिनों तक बिना अन्न के रहते हैं। इस बीच आप फलाहार ले सकते हैं और कुट्टू के आटे के पकवान व साबुदाने की खिचड़ी खा सकते हैं।
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