हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्त्व है। इससे हम अपने जीवन को सफल बना सकते है। हमेशा पूर्व व दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए। उत्तर या पश्चिम की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए। अत: हमें यह जानना अतिआवश्यक है कि हम किस तरह शयन करें, जो कि हमारी सेहत को तंदुरुस्त तथा निरोगी बनाए और हमारी आयु को क्षीण न होने दे।
इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी:
# सोने से पहले ललाट से तिलक और सिर से पुष्प का त्याग कर देना चाहिए। बांस या पलाश की लकड़ी से बने पलंग पर नहीं सोना चाहिए एवं सिर को नीचे लटका कर नहीं सोना चाहिए।
# पूर्व की तरफ सिर करके सोने से बुद्धि प्राप्त होती है। पश्चिम की तरफ सिर करके सोने से मानसिक विकार प्राप्त होते है।
# उत्तर की तरफ सिर करके सोने से हानि होती है तथा आयु क्षीण होती है। दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से आयु की वृद्धि होती है।
# दिन में नहीं सोना चाहिए, दिन में सोने से रोग उत्पन्न होते हैं। सुश्रुत संहिता के अनुसार सभी ऋतुओं में दिन में सोना निषिद्ध है, परन्तु ग्रीष्म ऋतु में दिन में सोना निषिद्ध नहीं है।
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