आजकल जल्दबाजी और हमारी लाइफस्टाइल कई समस्याओं का कारण बन जाती है। यहां तक कि नहाने का गलत तरीका भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार ऐसा होता है की नन्हे बच्चे नहाते समय बहुत कांपते है, रोते रोते उनका चेहरा लाल हो जाता है। इसके अलावा किसी बुजुर्ग को नहाते हुए अचानक से सांस लेने में तकलीफ हो या स्ट्रोक जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।
ऐसे नहाने से बढ़ सकता पैरालिसिस का खतरा
हमारे शरीर में खून का प्रवाह ऊपर से शुरू होकर नीचे पैरों की तरफ होता है। इसलिए अगर हमेशा सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाया जाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते है।
बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालिए। रागड़ते हुए पिंडलियों, घुटनों और जांघों पर पानी डालिए और हाथों से मालिश करिए। धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते हुए पानी डालें।
हाथों से पानी लेकर पेट और कंधो पर पानी डालें। अंजुली में पानी लेकर मुंह पर मलिए।फिर हाथों से पानी लेकर सिर पर मलिए।
इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सर पर उड़ेलकर नहा सकते हैं। इस प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है।
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