हमारे हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा को खास महत्व दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काले रंग का गोल तथा चिकना सा दिखने वाले पत्थर को शालिग्राम कहा जाता है। शालिग्राम को प्रभु श्री विष्णु का साक्षात स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में प्रभु श्री विष्णु रहते हैं, वो घर तीर्थ के समान हो जाता है। किन्तु शालिग्राम की उपासना में कुछ खास सावधानियां रखने की आवश्यकता है।
इन बातों का रखें ध्यान:
# घर को पवित्र रखें तथा जिस जगह पर शालिग्राम हों, उसे मंदिर की भांति सजाएं। अपने आचार तथा विचार शुद्ध रखें।
# शालिग्राम की उपासना का क्रम टूटने न दें। मतलब नियमित रूप से शालिग्राम की आराधना आवश्यक है। नियमित रूप से शालिग्राम महाराज को चंदन, पुष्प वगैरह चढ़ाएं।
# शालिग्राम महाराज पर कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में इसकी मनाही है। किन्तु यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो चावल को हल्दी से पीला रंग से रंगने के पश्चात् ही चढ़ाएं।
# शालिग्राम को हमेशा मेहनत की कमाई से क्रय करके घर में लाना चाहिए। न तो किसी गृहस्थ शख्स से इन्हें लें तथा न ही किसी गृहस्थ शख्स को दें।
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