मुम्बई। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि उनके करियर में कई ऐसे मौके आए जब उन्हें उन किरदारों के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं मिलने का अफसोस हुआ, जो उनके ‘‘दिल के करीब थे’’ लेकिन फिल्म ‘भोंसले’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिलने के बाद अब उनका यह मलाल दूर हो गया है। अभिनेता मनोज बाजपेयी को फिल्म ‘भोंसले’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। उनके साथ ही दक्षिण भारतीय फिल्मों के अभिनेता धनुष को फिल्म ‘असुरन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है।
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67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की गई थी। बाजपेयी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ कई मौकों पर, मेरे कई प्रशंसनीय किरदारों के लिए... जो मेरे दिल के बेहद करीब थे और जिन पर मुझे बेहद गर्व था.. उनके लिए मुझे सम्मानित नहीं किया गया। मेरे प्रशंसकों ने, जिन्हें मेरे काम के बारे मे पता था, इसका विरोध भी किया... लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हमेशा से पता था कि एक दिन भगवान मुझ पर मेहरबान होगा। वह कई वर्षों से जारी मेरे संघर्ष को देखेगा। वह मुझे जरूर इसके लिए कोई तोहफा देगा...’’ फिल्म ‘भोंसले’ को 2018 में कई फिल्म महोत्सवों में प्रदर्शित किया गया था। भारत में पिछले साल डिजिटल मंच ‘सोनी लिव’ पर यह फिल्म रिलीज हुई थी। बाजपेयी को 1998 में आई फिल्म ‘सत्या’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता की श्रेणी में भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।
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