नई दिल्ली | हिंदी सिनेमा के दमदार विलेन अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपने किरदारों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है। उन्होंने 12 जनवरी, 2005 को दुनिया को अलविदा (Amrish Puri Death Anniversary) कह दिया था। हालांकि उनके जाने के बाद भी लोगों के लिए उन्हें भूलना नामुमकिन जैसा है। अमरीश पुरी की शानदार आवाज के लोग दीवाने हैं लेकिन एक वक्त पर उन्हें इसी कारण से कई रिजेक्शन झेलने पड़े थे। यहां तक कि अमरीश का चेहरा देखकर उसको अजीब बता दिया जाता था। हालांकि कई रिजेक्शन देखने के बाद भी अमरीश का सिनेमा के प्रति लगाव उन्हें यहां से दूर नहीं रख पाया। उन्होंने लगभग 450 फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय से किरदारों को जीवंत कर दिया।
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अमरीश पुरी ने 1970 के दशक में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें कुछ विलेन के किरदारों ने पहचान दिलाई और वो एक खतरनाक खलनायक के रूप में निकलकर सामने आए। जबकि असल जिंदगी में अमरीश पुरी बेहद ही शांत स्वभाव के थे। अमरीश पुरी अनुशासन के बहुत पक्के थे। उन्होंने कई छोटे किरदार भी निभाए लेकिन सभी में अपना सौ प्रतिशत दिया। अमरीश पुरी अपनी आवाज के लिए भी हर रोज प्रैक्टिस किया करते थे। एक बार उन्हें हॉलीवुड डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग ने अपरोच किया था तब अमरीश पुरी ने विदेश जाकर ऑडिशन देने से मना कर दिया था।
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अमरीश ने बड़े ही रौब के साथ कहा था कि अगर स्टीवन को मेरा ऑडिशन लेना है तो भारत आए। अमरीश की दमदार आवाज सुनकर स्टीवन कुछ बोल नहीं पाए थे और भारत आकर उनका ऑडिशन लिया था। इसके बाद फिल्म इंडियाना जोन्स में अमरीश ने मोलाराम का किरदार निभाया था जो यादगार बन गया। अमरीश ने मोलाराम के रूप में एक तांत्रिक का रोल प्ले किया था और इस कैरेक्टर के लिए उनकी खूब तारीफ की गई थी। यहां तक कि स्पीलबर्ग भी अमरीश की एक्टिंग देखकर हैरान रह गए थे। उन्होंने तारीफ में कहा था कि अमरीश पुरी के जैसा कोई दूसरा नहीं पैदा होगा।
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