धार्मिक कार्यों के दौरान लाल रंग के धागे से बने कलावे को पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे हाथ में बांधने से शत्रु पर आपकी विजय होती है और यह आपके रक्षा सूत्र की तरह काम करता है। कलावे को हाथ में बांधने का धार्मिक कारण और महत्व तो है ही साथ ही वैज्ञानिक तौर पर भी इसे हाथ में बांधना काफी उत्तम माना जाता है। आइये जानते हैं कि कलावे को हाथ में पहनने से आपको कितने फायदे होते हैं। साथ ही इसे पूजा के दौरान किस तरह से पहनना है यह भी जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
1. जब भी कोई धार्मिक कार्य या पूजा की जाती है उस समय सभी के हाथों में लाल रंग के धागे से बना कलावा बांधा जाता है। कलाई में बांधे जाने के कारण कलावा कहते हैं।
2. कलावा को पहनने के धार्मिक महत्व तो हैं ही साथ ही वैज्ञानिक तौर पर भी इसके कई महत्व हैं। वहीं धार्मिक और मांगलिक कार्यों में इसे पहनने की परंपरा काफी पुरानी है।
3. शुभ कार्यों में मौली, कलावा या रक्षा सूत्र पहनने से ईश्वर की शुभ दृष्टि आपके जीवन में शत्रुओं का अंत करती है। शत्रु आपसे दूर रहते हैं और कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।
4. कच्चे धागों से बना यह कलावा या रक्षा सूत्र लाल के अलावा पीले या हरे रंग में भी मिल जाता है लेकिन इसे लाल रंग में पहनना अन्य रंगों के मुकाबले ज्यादा शुभ माना जाता है।
5. अगर कलावा तीनो रंगों में है तो यह सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है क्योंकि तीन का संबंध त्रिदेव से है यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की कृपा इसे बांधने से होती है।
6. इसके साथ ही तीनों देवियों मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती की भी कृपा आपके जीवन में मंगलकारी परिणाम लाती हैं।
7. इसे कलाई में बांधे बिना धार्मिक कार्य अधूरे माने जाते है। जब भी इसे कलाई में बांधा जाए उस समय मुट्ठी बंद करके व सिर पर हाथ रखकर बंधवाना चाहिए।
8. धार्मिक कर्म कांड के दौरान पुरूषों और कुंवारी स्त्रियों के सीधे हाथ में और शादीशुदा महिलाओं के उल्टे हाथ में इस रक्षा सूत्र को बांधा जाता है।
9. वैज्ञानिक मान्यता कहती हैं कि इस रक्षा सूत्र से आपके स्वास्थय की भी रक्षा होती है। त्वचा रोगों में इसे पहनना असरकारी माना जाता है।
10. कहा जाता है कि कलावा पहनने से शुगर, हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर प्राब्लम और पैरालाइस से बचाव होता है। वहीं इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को कलावा पहनाने से इसके हितकारी परिणाम मिलते हैं।
1. जब भी कोई धार्मिक कार्य या पूजा की जाती है उस समय सभी के हाथों में लाल रंग के धागे से बना कलावा बांधा जाता है। कलाई में बांधे जाने के कारण कलावा कहते हैं।
2. कलावा को पहनने के धार्मिक महत्व तो हैं ही साथ ही वैज्ञानिक तौर पर भी इसके कई महत्व हैं। वहीं धार्मिक और मांगलिक कार्यों में इसे पहनने की परंपरा काफी पुरानी है।
3. शुभ कार्यों में मौली, कलावा या रक्षा सूत्र पहनने से ईश्वर की शुभ दृष्टि आपके जीवन में शत्रुओं का अंत करती है। शत्रु आपसे दूर रहते हैं और कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।
4. कच्चे धागों से बना यह कलावा या रक्षा सूत्र लाल के अलावा पीले या हरे रंग में भी मिल जाता है लेकिन इसे लाल रंग में पहनना अन्य रंगों के मुकाबले ज्यादा शुभ माना जाता है।
5. अगर कलावा तीनो रंगों में है तो यह सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है क्योंकि तीन का संबंध त्रिदेव से है यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की कृपा इसे बांधने से होती है।
6. इसके साथ ही तीनों देवियों मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती की भी कृपा आपके जीवन में मंगलकारी परिणाम लाती हैं।
7. इसे कलाई में बांधे बिना धार्मिक कार्य अधूरे माने जाते है। जब भी इसे कलाई में बांधा जाए उस समय मुट्ठी बंद करके व सिर पर हाथ रखकर बंधवाना चाहिए।
8. धार्मिक कर्म कांड के दौरान पुरूषों और कुंवारी स्त्रियों के सीधे हाथ में और शादीशुदा महिलाओं के उल्टे हाथ में इस रक्षा सूत्र को बांधा जाता है।
9. वैज्ञानिक मान्यता कहती हैं कि इस रक्षा सूत्र से आपके स्वास्थय की भी रक्षा होती है। त्वचा रोगों में इसे पहनना असरकारी माना जाता है।
10. कहा जाता है कि कलावा पहनने से शुगर, हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर प्राब्लम और पैरालाइस से बचाव होता है। वहीं इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को कलावा पहनाने से इसके हितकारी परिणाम मिलते हैं।
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