नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा जगत के चमकते सितारे हमेशा से ही अपनी रोशनी के चलते सुर्खियों में रहते हैं। मायानगरी ही हर शख्स की किस्मत को बनाती और बिगाड़ती है। बॉलीवुड के कई ऐसे सेलेब्स हैं जिन्होंने शोहरत के मुकाम पर पहुंचकर ऐसी चोट खाई है। जिसके बाद से इंडस्ट्री से उनका नाम और काम पूरी तरह से गायब हो गया है। ऐसी एक अदाकार भी हैं। जिन्होंने बस एक फिल्म से रातोंरात इंडस्ट्री पर कब्जा कर लिया था, लेकिन किस्मत का पहिया ऐसा घुमा की आज वह इंडस्ट्री के गुमनाम सेलेब्स की लिस्ट में जानी जाती हैं। हम बात कर रहे हैं आशिकी से इंडस्ट्री में एंट्री मारने वाली एक्ट्रेस अनु अग्रवाल ( Anu Aggarwal Birthday ) की। 11 जनवरी को यह एक्ट्रेस अपना जन्मदिन मनाती हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। चलिए इस खास मौके पर उनकी जिंदगी से जुड़ा एक अहम किस्सा आपको बताते हैं।
कैसे हुई बॉलीवुड में एंट्री
अनु अग्रवाल अपनी खूबसूरती के लिए बेहद ही मशहूर थीं। अनु ने महज 21 साल की उम्र में ही इंडस्ट्री में कदम रख लिया था। बताया जाता है कि मशहूर फिल्म निर्माता महेश भट्ट ( Mahesh Bhatt ) ने ही अनु को पहला मौका दिया था। दरअसल हुआ कुछ था कि एक बार महेश भट्ट की नज़र अनु अग्रवाल पर पड़ गई थी। जिसके बाद उन्होंने तुरंत उन्हें फिल्म 'आशिकी' ( Aashiqui ) में कास्ट करने का फैसला ले लिया। बस फिर क्या था। फिल्म रिलीज़ होते ही अनु की खूबसूरती और सादगी ने दर्शकों का दिल जीत लिया और वह रातों-रात स्टार बन गईं।
तमिल फिल्मों में किया काम
अनु अग्रवाल ने फिल्म 'आशिकी' के बाद किंग अंकल ( King Uncle ), कन्यादान ( Kanyadaan ), 'रिटर्न ऑफ ज्वेल थीफ' ( Return Of Jewel Thief ) जैसी कई फिल्मों में काम किया। इसी के साथ उन्होंने साउथ इंडस्ट्री में भी अपनी किस्मत अजमाई। उन्होंने थिरुदा-थिरुदा में काम किया। अनु को जब पता लगा कि उनका करियर डूबता जा रहा है। तब उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म भी की। जिसका नाम 'द क्लाऊड डोर' ( The Cloud Door ) था। लेकिन कहते है ना कि जब किस्मत और समय खराब हो जाए तब उस पर किसी का भी बस नहीं चलता है। समय के साथ-साथ अनु का स्टारडम खत्म हो गया और उन्होंने साल 1996 में सिनेमा छोड़ योग की तरफ रुख कर लिया।
हादसे ने बदल डाली पूरी जिंदगी
अनु अग्रवाल पहले ही अपने करियर के संघर्ष कर रही थीं। वहीं साल 1999 की एक घटना ने उनका पूरा जीवन ही बदल डाला। दरअसल, अभिनेत्री एक भयानक और दर्दनाक सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं। इस एक्सीडेंट की वजह से अनु को करीबन 29 दिन कोमा में रहना पड़ा। इस हादसे की वजह से उनकी चलने-फिरने की क्षमता खत्म हो गई और उनकी याददाशत पर भी इसका असर देखने को मिला। उनका इलाज तीन साल तक चला। जब वह ठीक हो गई तो उन्होंने अपनी सारी संपत्ति को दान करने का फैसला लिया और उन्होंने खुद सन्यास ले लिया। जिसके बाद वह पूरी तरह से गायब हो गई।
काफी लंबे समय बाद उनकी एक तस्वीर सामने आई जिसके बाद वह फिर से सुर्खियों में दिखाई दीं। इस फोटों में अनु बेहद ही बुरी हालत में नजर आई थी। साल 2015 के दौरान अनु अग्रवाल अपनी आत्मकथा 'अनयूजवल: मेमोरी ऑफ ए गर्ल हू केम बैक फ्रॉम डेड' को लेकर चर्चा में रही। जिंदगी को कई टुकड़ों में जीने के बाद अनु अब बिहार के मुंगेर जिले में अकेली रहती हैं और योग सिखाती हैं।
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