धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना (पंजाब) के नसराली गांव में हुआ था। धर्मेंद्र ने 1960 में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपना कदम रखा था। तब से लेकर अब तक वे कई सारी फिल्मों, टीवी शोज, प्रोडक्शन और राजनीति में भी हाथ आजमाया। आज धर्मेंद्र 85 साल के हो गए हैं।
कोरोनावायरस महामारी के चलते वे इस साल जन्मदिन अपने फार्म हाउस में ही मनाएंगे। इस खास मौके पर धर्मेंद्र ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने बताया, "इस महामारी ने सबकी जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी है, मेरा भी यही हाल है। फ़िलहाल किसी भी तरह का जश्न मनाने का वक्त नहीं है और मैं भी अपने जन्मदिन पर कोई जश्न नहीं मनाऊंगा। इस मौके पर सिर्फ कुछ खास करीबियों के संग डिनर करूंगा। मेरे लिए मेरे परिवार वालों का साथ ही हर जश्न का तरीका है।"
अभिनेता आगे कहते हैं, "सच कहूं तो पिछले कुछ सालों से मेरा जन्मदिन मनाने में मुझे ज्यादा रूचि नहीं होती है। जब से मेरी मां मुझे छोड़कर चली गई है तब से मुझे मेरा जन्मदिन मनाना अच्छा नहीं लगता। जब जन्म देने वाली मां ही साथ में नहीं है तो जन्मदिन कैसे मनाऊं? यूं तो हर दिन मां मुझे बहुत याद आती है लेकिन जन्मदिन के मौके पर उन्हें बहुत मिस करता हूं।"
धर्मेंद्र के जन्मदिन के मौके पर उनके को-स्टार रजा मुराद ने उनसे जुड़े कई दिलचस्प किस्से सुनाए।
दिलीप कुमार के फैन, वहीं राजकुमार से दुश्मनी थी
दिलीप कुमार के वो बहुत बड़े फैन हैं। सेट पर दिलीप साहब की नक़ल भी बहुत करते थे। उनकी आवाज़ से लेकर उनके डायलॉग तक, धर्मेंद्र को उनकी मिमिक्री करना बहुत पसंद था। वहीं, उनकी अभिनेता राजकुमार से कभी नहीं बनी। उनसे कभी उनकी दोस्ती नहीं हो पाई। सेट पर भी जब दोनों आते थे तो आस-पास के लोगों को टेंशन हो जाती थी। उस वक्त राजकुमार ने धर्मेंद्र के पीठ पीछे बात कह दी जिसकी वजह से वो बहुत नाराज हो गए थे। कई बार तो मार-पीट तक नौबत आ गई थी। राजकुमार के अलावा उनकी हर कलाकार से अच्छी बनती थी।
जब मिथुन चक्रवर्ती ने उनके लिए बनाई अंडे की भुर्जी
जिस तरह जल्दी आंखों में आंसू आते थे, उसी तरह उन्हें गुस्सा भी बहुत जल्दी आता था। उनसे भूख बिलकुल बर्दाश्त नहीं होती थी। फिल्म 'गुलामी' की शूटिंग के दौरान, सुबह के नाश्ते में थोड़ी देरी हो गई।
धर्मेंद्र और उनके सह-कलाकार मिथुन चक्रवर्ती होटल के टेबल पर बैठकर नाश्ता का इंतजार कर रहे थे। देरी की वजह से धर्मेंद्र का मुंह गुस्से से लाल हो गया। वे टेबल पर ही अपने हाथ पटकने लगे। ये देखकर मिथुन तुरंत होटल के किचन में गए और उनके लिए तीन अंडे की भुर्जी बनाकर लाए। जिसके बाद उनका गुस्सा थोड़ा शांत हुआ।
फोन लगाना उनके लिए हमेशा मुसीबत का काम रहा
पुराने ज़माने में रिंग घुमाकर नंबर डायल करने वाले टेलीफोन आते थे जिसे धर्मेंद्र अपनी मोटी उंगली की वजह से कभी इस्तेमाल नहीं कर पाते। उनकी उंगली हमेशा उसमें फंस जाती थी और इसलिए वो अपने बेटे बॉबी को बुलाते और नंबर डायल करवाते। फोन लगाना उनके लिए हमेशा मुसीबत का काम रहा है।
शराब बहुत पीते हैं लेकिन छोड़ भी देते है
उनके बारे में एक बात बहुत मशहूर है कि वे शराब बहुत पीते हैं लेकिन लोग ये नहीं जानते की वो शराब छोड़ भी देते है। यदि वो चाहें तो 6 महीने के लिए शराब छोड़ भी देते है, ऐसा बिलकुल नहीं है कि वे शराब के बिना नहीं रह पाते।
उर्दू शायर भी हैं
बहुत कम लोग जानते है की धर्मेंद्र एक्टिंग के अलावा एक बहुत अच्छे शायर भी है। वो उर्दू के शायर हैं, बहुत उम्दा गजलें लिखते हैं। उन्हें शायरी की बहुत अच्छी समझ है। जब भी सेट पर मौका मिलता वे किताब लेकर बैठ जाते और शायरी लिखना शुरू कर देते। जब भी महफ़िल सजती, धर्मेंद्र अपनी लिखी हुई गजलें जरूर सुनाते। वे उर्दू मीडियम में पढ़े हैं और इसलिए उनकी उर्दू बहुत अच्छी है। यहां तक कि वे अपने डायलॉग भी उर्दू में ही लिखा करते थे।
उन्हें रोना बहुत ही जल्द आता है
धर्मेंद्र बहुत भावुक व्यक्ति हैं। फिल्म के सेट पर या उनके आस-पास के लोगों को यदि उनके वजह से कोई तकलीफ हुई तो जब तक वे उनसे माफ़ी नहीं मांगते तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता। माफ़ी मांगकर ही उन्हें आराम मिलता था। उनको रोना बहुत ही जल्द आता है। छोटी बात पर भी उनके आंखों में आंसू आ जाते थे। मैंने उन्हें कई बार जज्बाती होते हुए देखा है।
अपने प्यार को अंजाम दिया
हेमा मालिनी को वो बहुत प्यार करते हैं और हेमाजी भी उन्हें बहुत प्यार करती हैं। उस दौर वे हमेशा एक ही बात कहते कि अपने प्यार को अंजाम ज़रूर दूंगा और वो उन्होंने किया।
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