कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन को लेकर धर्मेंद्र ने अपनी राय साझा की है। एक ओर जहां उनके बेटे और सांसद सनी देओल ने अपने बयान में कहा था कि मुद्दा सरकार और किसानों के बीच का है, किसी और को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। वहीं, धर्मेंद्र ने आग्रह किया है कि एक बार किसानों की बात सुन लेनी चाहिए।
'देशभर में अफरा-तफरी, जन्मदिन कैसे मनाऊं'
अपने 85वें जन्मदिन पर टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में धर्मेंद्र ने कहा, "लोग कोरोनावायरस को भूल गए हैं। देशभर में अफरा-तफरी फैली है। मैं जन्मदिन कैसे मनाऊं? हम सब भारत मां के बच्चे हैं। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। किसी की शराफत, मजबूरी या इंसानियत का फायदा न उठाएं। किसान क्या बोलना चाहते हैं, उनकी बात एक बार सुन लो। वो इतनी सर्दी में सड़कों पे बैठे हैं। एक आपसी संवाद से हल निकल सकता है।"
सोशल मीडिया को बताया जहरीली जगह
धर्मेंद्र ने इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट की थी, जो बाद में उन्हें डिलीट करनी पड़ी। इसकी सफाई में उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "मेरा मकसद सिर्फ यह बोलना था कि किसानों की बात सुन लीजिए। मैं हमेशा पॉजिटिव बात करता हूं, लेकिन लोग उसका अलग ही मतलब निकालते हैं। ट्विटर पर भड़ास निकालते हैं। मैं अब इससे दूरी बनाकर रखूंगा। क्योंकि यह बहुत जहरीला हो चुका है। दिल तोड़ देते हैं लोग।"
धर्मेंद्र ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, "सरकार से प्रार्थना है किसान भाइयों की प्रॉब्लम्स का कोई हल जल्दी तलाश कर लें। कोरोना के केस दिल्ली में बढ़ते जा रहे हैं। यह दर्दनाक है।"
सनी देओल का पूरा बयान क्या था?
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को लेकर एक्टर पॉलिटिशियन सनी देओल ने रविवार को सोशल मीडिया पर बयान दिया था। गुरदासपुर से भाजपा सांसद सनी देओल ने कहा था कि सरकार हमेशा किसानों के बारे में सोचती है और पार्टी किसानों के साथ है। केंद्र ने हमेशा ही किसानों की बेहतरी के बारे में सोचा है।
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