साल 2021 में रिलीज होने वाली फिल्म आदिपुरुष को लगातार बैन करने की मांग की जा रही है। हाल ही में सैफ अली खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि डायरेक्टर इस फिल्म में रावण का मानवीय पक्ष दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जिसके बाद से लोगों ने सोशल मीडिया पर फिल्म का विरोध करना शुरू कर दिया है। सिर्फ आदिपुरुष ही नहीं बल्कि इससे पहले कई फिल्मों को अपने टाइटल, लव जिहाद, इतिहास के साथ छेड़छाड़ और किसी समुदाय की छवि खराब करने के आरोप के चलते लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा था। आइए जानते हैं वो फिल्में कौन सी हैं-
लक्ष्मी- अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी स्टारर फिल्म लक्ष्मी 9 नवम्बर को डिजिटली डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। इस फिल्म का ट्रेलर सामने आते ही लोगों ने फिल्म में मुस्लिम लड़का और हिंदू लड़की की लव स्टोरी को लव जिहाद से जोड़ना शुरू कर दिया। इस फिल्म का टाइटल लक्ष्मी बॉम्ब रखा गया था जिसपर एक्टर मुकेश खन्ना समेत कई राजनैतिक पार्टियों ने देवी के नाम के आगे बॉम्ब लगाए जाने पर आपत्ति जताई। विवाद इतना बढ़ा की फिल्म को बैन करने की मांग तक उठ गई। बाद में मेकर्स ने फिल्म का टाइटल लक्ष्मी बॉम्ब से लक्ष्मी कर दिया। ये फिल्म साउथ की फिल्म कंचना का हिंदी रीमेक है।
पदमावत- दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म पदमावत कई कारणों से विवादों में रही थी। करणी सेना ने पूरे देश में फिल्म रिलीज बैन करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों का आरोप है कि फिल्म में कई तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है और साथ ही राजपूत समुदाय को गलत दिखाने की कोशिश की गई थी। विवादों में आने के बाद 1 दिसम्बर 2017 को रिलीज होने वाली इस फिल्म को डॉक्यूमेंटेशन की कमी के चलते रोक दिया गया था। बाद में कुछ सीन, और टाइटल में बदलाव कर फिल्म को 25 जनवरी 2018 में रिलीज किया गया था।
उड़ता पंजाब- फिल्म में पंजाब में ड्रग का सेवन बढ़ने के केस पर प्रकाश डाला गया था। पंजाब की छवि खराब होते देख राज्य के लोग विरोध में उतरे थे। बाद में सेंसर बोर्ड ने 94 कट और 13 करेक्शन करवाने के बाद फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया था जिसमें सुधार के बाद फिल्म रिलीज हो सकी थी।
मणिकर्णिका- झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जिंदगी पर आधारित फिल्म में कंगना रनोट ने लीड रोल निभाया था। फिल्म रिलीज से पहले सर्व ब्राह्मण महासभा ने इस फिल्म में रानी लक्ष्मी बाई के किरदार को अपमानित तरीके से पेश करने के आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
हैदर- शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर और तबू स्टारर फिल्म पर लोगों ने ये आरोप लगाते हुए इसे बैन करने की मांग रखी कि इसमें इंडियन आर्मी का नेगेटिव रोल दिखाया गया है। फिल्म में वायलेंस दिखाने वाले कुछ दृश्यों पर भी जनता ने आपत्ति जताई थी हालांकि रिलीज के बाद ये फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई।
माय नेम इज खान- साल 2010 में रिलीज हुई फिल्म माय नेम इज खान रिलीज से पहले काफी विवादों में थी। फिल्म रिलीज से पहले किंग नाइट राइडर के मालिक शाहरुख खान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि आईपीएल में पाकिस्तानी प्लेयर्स को भी शामिल किया जाना चाहिए। शाहरुख के बयान के बाद लोगों ने उन्हें पाकिस्तानियों का सपोर्टर बताते हुए उनकी फिल्म बैन करने की मांग की।
ऐ दिल है मुश्किल- ऐ दिल है मुश्किल फिल्म की रिलीज से कुछ ही दिनों पहले ऊरी अटैक हुआ था। इस अटैक के बाद से इंडिया और पाकिस्तान के बीच रिश्ते काफी खराब हो गए थे जिसके बाद सभी पाकिस्तानी आर्टिस्ट को बैन करने की मांग उठी थी। अक्टूबर 2016 में रिलीज हुई फिल्म में पाकिस्तान के पॉपुलर एक्टर फवाद खान भी अहम किरदार में थे जिसके चलते इस फिल्म को बैन करन की मांग करते हुए प्रोटेस्टर सड़कों पर उतर आए थे। प्रोटेस्टर्स ने ये तक धमकी दी थी कि अगर ये फिल्म सिनेमाघरों में लगी तो वो तोड़-फोड़ भी करेंगे।
गोलियों की रासलीला- राम-लीला- इस फिल्म का टाइटल पहले सिर्फ रामलीला रखा गया था। रामलीला की लवस्टोरी से तुलना होते देख हिंदु समुदाय के लोगों ने इसपर आपत्ति जताई थी। कई लोगों ने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए फिल्म रिलीज पर रोक की मांग की। इसके साथ ही क्षत्रीय कम्यूनिटी के लोगों फिल्म में कास्ट के लोगों की गलत छवि दिखाने पर भी नाराजगी जाहिर की थी जिसके बाद दिखाई गई कम्यूनिटी का नाम बदलकर रजाड़ी और सनेणा कर दिया गया था।
बेंडिट क्वीन- शेखर कपूर द्वारा निर्मित फूलन देवी पर बनी फिल्म बेंडिट क्वीन काफी विवादों में रही थी। फिल्म में अभद्र भाषा, न्यूडिटी और सेक्सुअल कंटेंट होने के कारण इसे बैन करने की मांग की गई थी। सेंसर बोर्ड ने इस पर फैसला लेते हुए फिल्म रिलीज रोक दी। 1994 में बनी इस फिल्म को दो साल के विवाद के बाद 1996 में रिलीज किया गया था। इस साल फिल्म को बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन और बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
फायर- शबाना आजमी स्टारर ये उन गिनी चुनी फिल्मों में से एक है जिसमें समलैंगिक रिश्तों को खुलकर दिखाया गया था। इस फिल्म के टॉपिक के चलते शिव सेना ने फिल्म का जमकर विरोध किया था।
मद्रास कैफे- साल 2013 में रिलीज हुई फिल्म मद्रास कैफे में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकांड को दिखाया गया था। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही तमिल पॉलिटिकल पार्टीज ने अपनी छवि को नेगेटिव दिखाए जाने पर काफी विरोध किया था। कई तमिल पार्टियों ने फिल्म को बैन करने की मांग की थी जिसके बाद तमिलनाडु में फिल्म रिलीज पर रोक लग गई थी।
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