नई दिल्ली: स्वर कोकिला कही जाने वालीं लता मंगेशकर की आवाज का जादू आज भी कायम है। उनकी आवाज के दुनियाभर में करोड़ों दीवाने हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जब वह 33 साल की थीं तो उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। इस बारे में उन्होंने कभी बात नहीं की। लेकिन हाल ही में लता मंगेशकर ने इसकी सच्चाई बताई।
परिवार में नहीं करता कोई बात
लता जी ने मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, हमारे परिवार में इस बारे में कोई बात नहीं करता है। यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। ये साल 1963 की बात है। मुझे इतनी ज्यादा कमजोरी हो गई थी कि मैं बेड से नहीं उठ पाती थी। खुद से चल फिर भी नहीं सकती थी। उस वक्त ऐसी भी कई खबरें आई थीं कि जहर देने के बाद लता जी की आवाज चली गई थी। डॉक्टर ने उन्हें कह दिया था कि वह दोबारा कभी गा नहीं पाएंगी। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है। यह एक काल्पनिक कहानी है। डॉक्टर्स ने मुझे ऐसा नहीं कहा था कि मैं नहीं गा पाऊंगी। हमारे फैमिली आर. पी कपूर ने तो मुझसे यह तक कहा था कि वे मुझे खड़ी करके रहेंगे। लेकिन मैं साफ कर देना चाहती हूं कि पिछले कुछ सालों में यह गलतफहमी हुई है। मैंने अपनी आवाज नहीं खोई थी।"
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लता जी आगे कहती हैं, "इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि मुझे धीमा जहर दिया गया था। डॉ. कपूर का ट्रीटमेंट और मेरा दृढ़ संकल्प मुझे वापस ले आया। तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी।" ठीक होने के बाद लता जी ने ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ गाना गाया था। यह गाना काफी हिट हुआ था। इस गाने को फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।
किसने दिया जहर?
इसके साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का पता चला था कि जहर किसने दिया था? इसपर उन्होंने कहा, "जी हां, मुझे पता चल गया था। लेकिन हमने कोई एक्शन नहीं लिया। क्योंकि हमारे पास उस इंसान के खिलाफ कोई सबूत नहीं था।"
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