वो एक्टर जिसने अपनी पहली फिल्म रिलीज़ होने से पहले ही 30 फ़िल्में साइन कर ली थीं वो और कोई नहीं अपने अन्ना हैं..
‘ये धरती मेरी मां है’ और ‘मैं तुम्हें भूल जाऊं ये हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ, ये मैं होने नहीं दूंगा’ जैसे डायलॉग सुनकर एक मज़बूत कद-काठी, भारी-भरकम आवाज़ और भोली-भाली सूरत जो नजरों के सामने तैर जाती है न, वो सुनील शेट्टी की है. वही सुनील शेट्टी जो ‘वक़्त हमारा है’ फिल्म में अपनी हीरोइन की कार ठीक करने के लिए हाथ से ही गाड़ी उठा देता है.
वही सुनील शेट्टी जो ‘धड़कन’ फिल्म में अपना प्यार पाने के लिए सारी हदें तोड़ता हुआ फ़िल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवॉर्ड ले उड़ता है. कर्नाटक के मुल्की में 11 अगस्त, 1961 को जन्मे सुनील को महज़ एक्टर कहना गलत होगा. क्योंकि वो सफल एक्टर होने के साथ ही एक सफल बिज़नेसमैन भी हैं. उनके बिज़नेस में होटल से लेकर बुटीक और फिल्म प्रोडक्शन तक शामिल है. उनको बॉलीवुड में सब ‘अन्ना’ बुलाते हैं.
फ़िल्म ‘वक़्त हमारा है’ के एक दृश्य में सुनील.
अमिताभ बच्चन की वजह से सब सुनील को अन्ना बुलाने लगे
अन्ना का मतलब बड़ा भाई होता है और साउथ इंडिया में ये काफ़ी प्रचलित शब्द है. सुनील भी साउथ से ही आते हैं. लेकिन उन्हें शुरुआत से ही अन्ना नहीं बुलाया जाता था. उनका ये नाम संजय गुप्ता की फिल्म ‘कांटे’ की शूटिंग के सेट पर पड़ा. उस फिल्म में सुनील के साथ संजय मांजरेकर, संजय दत्त, लकी अली और अमिताभ बच्चन भी थे. संजय अपने ख़ुशमिजाजी के लिए मशहूर हैं, तो उनका रवैया सेट पर भी कुछ वैसा ही था. लेकिन सुनील उनसे उम्र में छोटे होने के बावजूद काफी संजीदा थे और संजय को उनकी हरकतों के लिए डांटते-समझाते रहते थे.
फ़िल्म ‘कांटे’ के एक सीन में सुनील शेट्टी.
इन सब से परेशान होकर संजय ने उन्हें ‘अन्ना’ बुलाना शुरू कर दिया. संजय की देखा-देखी बच्चन साहब भी उन्हें उसी नाम से बुलाने लगे. बच्चन साहब के सुनील को अन्ना बुलाने के बाद सेट पर मौजूद सभी लोग उन्हें अन्ना ही बुलाने लगे. पहले तो सुनील को थोड़ा अटपटा लगता था लेकिन वक्त के साथ वो भी उससे यूज़ टू हो गए. अब तो सारी इंडस्ट्री और उनके फैंस भी उन्हें अन्ना ही बुलाते हैं.
फिल्म ‘कांटे’ की पूरी कास्ट.
पहली दो फिल्मों से निकाल दिए गए थे
प्रेजेंट सेंसर बोर्ड चेयरमैन पहलाज निहलानी 90s के मशहूर निर्देशक थे. उन्होंने 1992 में सुनील को लेकर ‘फ़ौलाद’ नाम की एक फिल्म शुरू की. लेकिन किसी कारण से वो फिल्म बन नहीं सकी. अगला मौका सुनील को राजीव राय की अनाम फिल्म में मिला. लेकिन वो भी वर्कआउट नहीं हुआ. और ऐसा क्यों हुआ?
इसके पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प है. राजीव एक पिक्चर शुरू कर रहे थे जिसके लिए उन्होंने एक हीरो को कास्ट कर लिया था और वो सुनील नहीं थे. लेकिन शूटिंग शुरू होने से ऐन पहले वो एक्टर बीमार पड़ गया और राजीव ने सुनील को साइन कर लिया. लेकिन जैसे ही उस एक्टर को फिल्म में सुनील के कास्ट होने की खबर मिली, वो फ़ौरन ठीक होकर सेट पर हाज़िर हो गया. और सुनील को फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
पहली फिल्म के रिलीज़ से पहले ही फिल्मों की लाइन लग गई थी
फिल्म ‘बलवान’ को सुनील शेट्टी के करियर की पहली फिल्म होने का गौरव प्राप्त है. लेकिन सुनील की पहली साइन की हुई फिल्म ‘वक़्त हमारा है’ थी. ‘वक़्त हमारा है’ में सुनील के साथ अक्षय कुमार भी थे. सुनील ने इस फिल्म के बाद तक़रीबन 30 फ़िल्में साइन की जिसमें साजिद नाडियाडवाला की ‘बलवान’ भी थी. ये सुनील की सोलो हीरो फिल्म थी और बनकर भी जल्दी तैयार हो गई थी. इसलिए इसे ‘वक़्त…’ से पहले रिलीज़ कर दिया गया.
अपनी पहली फ़िल्म ‘बलवान’में सुनील शेट्टी.
‘बलवान’ बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और सुनील को बॉलीवुड के नए एक्शन हीरो के रूप में देखा जाने लगा और उनके सामने फिल्मों की कतार लग गई. लेकिन कुछ डायरेक्टर्स ऐसे भी थे जिन्होंने सुनील को फिल्म देने से मना कर दिया और कहा कि उन्हें एक्टिंग नहीं आती उन्हें वापस बिज़नेस में ही चले जाना चाहिए. लेकिन सुनील ने हार नहीं मानी और एक्टिंग करते रहे.
सुनील और माना की शादी किस्सा बहुत मज़ेदार है
सुनील बॉलीवुड में आने से पहले एक सफल बिज़नेसमैन थे. अपने बिज़नेस के सिलसिले में काफ़ी पार्टियां अटेंड करनी पड़ती थी. ऐसी ही एक पार्टी के दौरान उन्होंने एक लड़की को देखा और उन्हें उस लड़की से प्यार हो गया. तब तक उन्हें उसका नाम भी नहीं पता था. उस लड़की यानी ‘माना’ से मिलने के लिए सुनील ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पार्टी प्लान की जिसमें कॉमन फ्रेंड के थ्रू माना को भी इन्वाइट किया गया था.
उस पार्टी में वो सुनील से मिलीं और उनको भी सुनील पसंद आ गए. फिर उस रात दोनों बाइक राइड पर भी गए, लेकिन बड़ी मुश्किल हो गई. हुआ यूं कि सुनील के पास बुलेट थी जबकि उस रात उनके दोस्त ने राइड के लिए होंडा जुगाड़ दी थी, जो सुनील को चलानी ही नहीं आती थी. अब जब वो बाइक लेकर सड़क पर निकले तो गाड़ी हिचकोले खाने लगी. सुनील ने मामला संभाल तो लिया लेकिन तब तक उनकी इमेज माना की नज़र में बिगड़ चुकी थी. सुनील और माना ने 9 साल रिलेशनशिप में रहने के बाद 1991 में शादी की.
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