हिंदी सिनेमा ने चकाचौंध को अपने अंदर इस कदर धारण कर लिया है कि शायद मां, दादी और नानी को छोड़कर लगभग सभी किरदारों को इसने ग्लैमरस बना दिया है। मेरा नाम जोकर' की सिमी ग्रेवाल से लेकर 'लस्ट स्टोरीज' की राधिका आप्टे तक ने ऐसे कई किरदार निभाए हैं जिन्होंने स्कूलों में पढ़ाई से ज्यादा अपने छात्रों की निजी जिंदगी में ज्यादा दिलचस्पी ली। ऐसा लेटेस्ट कारनामा अभिनेत्री स्वरा भास्कर के नाम वेब सीरीज 'रसभरी' के नाम रहा। आइए दिखाते हैं आपको झलक मनोरंजन की दुनिया की कुछ ग्लैमरस शिक्षिकाओं की जिन्होंने पर्दे पर टीचर्स की परिभाषा ही बदल दी।
वेब सीरीज : रसभरी (2020)
शुरुआत अभी के समय से करते हैं क्योंकि अति होना अभी कुछ ही सालों पहले से शुरू हुई है। यह एक वेब सीरीज है जिसको पिछले साल रिलीज होना था। लेकिन, इसकी भी किस्मत इस लॉकडाउन की वजह से चमकी। सीरीज में अभिनेत्री स्वरा भास्कर एक अध्यापिका के रूप में नजर आएंगी जो स्कूल में पढ़ाती हैं जबकि स्कूल के बाहर मर्दों को रिझाने का काम करती हैं। स्कूल का ही एक लड़का नंद किशोर त्यागी अपनी अध्यापिका को पसंद करना लगता है। यहीं से शुरू होती है एक छात्र और एक अध्यापिका की रासलीला।
वेब सीरीज : लस्ट स्टोरीज (2018)
भारतीय सिनेमा के चार जाने-माने फिल्म निर्माता और निर्देशक अनुराग कश्यप, जोया अख्तर, दिवाकर बनर्जी और करण जौहर ने मिलकर ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के लिए चार अलग कहानियों वाली इस वेब फिल्म की रचना की है। अभिनेत्री राधिका आप्टे ने अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी कहानी में एक कॉलेज प्रोफेसर कालिंदी का किरदार निभाया है जो अपनी ही कक्षा के एक छात्र के साथ बड़ी ही बेफिक्री से शारीरिक संबंध बनाती हैं। जब लड़का बार बार उसके साथ ऐसा करने की कोशिश करता है तो कालिंदी उसे अपनी शादी का हवाला देकर अपने से दूर करती है।
फिल्म : नशा (2013)
पूनम पांडे इस मनोरंजन की दुनिया में अपना एक अलग स्थान रखती हैं। जब इस फिल्म में उन्हें एक अध्यापिका का किरदार निभाने के लिए मिला तो उनसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है। फिल्म में उन्होंने नाटक सिखाने वाली अध्यापिका अनीता का किरदार किया है जिस पर उनकी कक्षा के ही एक छात्र साहिल का दिल आ जाता है। अनीता का अलग प्रेमी भी है, यही बात साहिल को गंवारा नहीं होती। हालांकि, साहिल नाबालिग ही है लेकिन अनीता के चक्कर में वह जुर्म भी करने लगता है। बच्चा अपनी शिक्षिका से जो सीखेगा, वही तो करेगा।
फिल्म : देसी ब्वॉयज (2011)
वरुण धवन के भाई रोहित धवन के निर्देशन में बनी इस फिल्म के तो क्या कहने। अच्छी खासी फिल्म एक एडल्ट कॉमेडी ड्रामा से गुजर रही होती है और न जाने कहां से उसमें एक कॉलेज वाला एंगल जोड़ दिया जाता है। यहां अध्यापिका बनकर आईं अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह और उनके छात्र बने खिलाड़ी अभिनेता अक्षय कुमार। दोनों पहले से एक दूसरे को जानते थे। बस अंतर इतना था कि तान्या के रूप में चित्रांगदा पढ़ लिखकर अध्यापिका बन गईं और अक्षय जैरी के रूप में बने रहे लड़कियों के दीवाने।
फिल्म : मैं हूं ना (2004)
इस फिल्म में अध्यापिका का किरदार निभाया है अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने और उनके झूठ मूठ में छात्र बनकर जाते हैं हिंदी सिनेमा के किंग रह चुके शाहरुख खान। शाहरुख तो सेना में मेजर हैं और अपने मिशन पर हैं। कॉलेज में छात्र बनकर दाखिल लेते हैं और यहां मिस चांदनी चोपड़ा को देखकर पागल हो जाते हैं। चांदनी एक ग्लैमरस टीचर हैं जिन पर पूरे कॉलेज का स्टाफ लट्टू है। मेजर राम प्रसाद शर्मा भी इसी लाइन में आकर लग जाते हैं। मामला यहां पर भी छात्र के अध्यापिका से प्यार करने का है लेकिन अध्यापिका यहां तब हां करती है जब उसे पता लगता है कि राम दरअसल छात्र नहीं, बल्कि सेना में भर्ती है।
फिल्म : मेरा नाम जोकर (1970)
हिंदी सिनेमा में अध्यापिका के किरदार कई अभिनेत्रियां निभा चुकी हैं लेकिन हमने यहां सिर्फ उन किरदारों का चयन किया है जिनकी कक्षा के छात्र उनसे इश्क फरमाते हैं। राज कपूर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। एक स्कूल का बच्चा राजू, जिसका किरदार ऋषि कपूर ने निभाया है, अपनी टीचर मैरी से प्रेम करने लगता है। मैरी क्रिश्चियन थी इसलिए उसे थोड़े अतरंगी कपड़े पहनने का शौक था। राजू का मन अपनी अध्यापिका को देखकर डोला जरूर लेकिन अध्यापिका बहुत समझदार होती है इसलिए वह सब कुछ बहुत अच्छे से संभाल लेती है।
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