आजकल बॉलीवुड फिल्मों की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं पूरे विश्व में है. इसी के वजह से आजकल बॉलीवुड फिल्मों में काफी पैसे खर्च किए जाते हैं. इसीलिए दोस्तों आज हम इसी बात पर चर्चा करना चाहते हैं कि आखिर कितने खर्च होते हैं किसी एक फिल्म को बनाने के सेट को बनाने के लिए.
मुगल-ए-आजम
फिल्म मुगल-ए-आजम 1960 में रिलीज हुई थी. इसी फिल्म उस समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी जिसमें अनारकली और सलीम की इश्क की दास्तां दिखाई गई है. ऐसा कहा जाता है कि इस फिल्म की एक गाना को फिल्म आने के लिए इतने पैसे खर्च हुए थे जितना उस समय एक फिल्म को पूरा बनाने में खर्च आता था. जिसकी वजह से इस फिल्म की लागत है उस समय के लिए और सारे फिल्मों से कई गुना ज्यादा था. इस फिल्म में प्यार किया तो डरना क्या गाना को फिल्म आने के लिए लोहार फोटो के शीश महल की कॉपी बनाई गई थी. यदि इसकी बनाने की समय को देखा जाए तो करीबन 2 साल में इस सेट को तैयार किया गया था और इसकी लागत करीबन 1500000 रुपए थी.
देवदास
इस फिल्म की सेट को बनाने के लिए करीबन 20 करोड रुपए खर्च किए गए थे. सबसे चौंका देने वाली बात यह है कि इस फिल्म मैं 12 करोड़ रुपए सिर्फ चंद्रमुखी का कोठा बनाने में लगाया गया था.
जोधा अकबर
जोधा अकबर अपने खूबसूरत महलों और रानियों की कहानी के लिए काफी फेमस हुआ था. आशुतोष गोवारिकर कि इस फिल्म के लिए भव्य और बेहद विशाल सेट का निर्माण किया गया था. फिल्म के सेट पर किया गया पूरा काम और बारीकी को देखकर साफ पता चलता है कि इस फिल्म की सेट काफी महंगी होगी. स्क्रीन को टी-शर्ट को बनाने के लिए करीबन 25 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.
प्रेम रतन धन पायो
सूरज बड़जात्या की फिल्म प्रेम रतन धन पायो का बजट ₹90 करोड़ था. इस फिल्म में खूबसूरत महल दिखाए गए थे जिस पर सुंदर नक्काशी की गई थी. स्क्रीन के सेट को बनाने के लिए करीबन 13 करोड रुपए खर्च किए गए थे.
बॉम्बे वेलवेट
करण जोहर की फिल्म बॉम्बे वेलवेट हालांकि फ्लॉप फिल्म रही थी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करने में असफल रही थी. लेकिन 1968 में रिलीज फिल्म ने अपने सेट की खूबसूरती के लिए काफी तारीफ पर बटोरी. इस फिल्म के सेट को बनाने के लिए 11 महीने का समय लगा और 120 करो रुपए लगे थे.
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