सीरियल उतरन से लोकप्रियता हासिल करने वाली रश्मि देसाई पिछले काफी दिनों से लाइमलाइट से दूर थी। हाल ही में उनके द्वारा इंटर दिए गए इंटरव्यू से चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अपने इंटरव्यू में रश्मि देसाई ने बताया कि वह काफी समय से स्किन संबंधी प्रॉब्लम से जूझ रही थी। उनको स्किन संबंधी बीमारी सोरायसिस हो गई थी।
रश्मि देसाई ने अपने इंटरव्यू में कहा कि मुझे दिसंबर के महीने में पता चला कि मुझे सोरायसिस है। यह बीमारी होने की वजह से मेरा वजन काफी बढ़ गया था। मुझको इस बीमारी की वजह से इतनी प्रॉब्लम हुई कि मेरा घर से निकलना मुश्किल हो गया। मैं दिन में बिल्कुल भी बाहर नहीं निकलती थी क्योंकि धूप की वजह से यह प्रॉब्लम काफी ज्यादा बढ़ जाती थी।
रश्मि देसाई ने आगे बताया कि मैं काफी महीनों से सोरायसिस से परेशान थी। दिसंबर के महीने में मुझे पता चला कि सोरायसिस गया है। यह एक स्किन संबंधी समस्या है जिसको ठीक होने में काफी समय लग जाता है। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि यह समस्या पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती है। उन्होंने बताया कि पिछले 4 महीनों से मैं स्टेरॉयड ट्रीटमेंट प्रोग्राम पर थी। रश्मि देसाई ने कहा कि ज्यादातर लोगों में यह समस्या तनाव की वजह से होती है। लेकिन हम जहां काम करते हैं वहां तनाव से बच पाना बहुत ही मुश्किल है।रश्मि देसाई ने बताया कि अब उनका सोरायसिस कंट्रोल में है और वह वजन को कम करने का प्रयास कर रही है।
हम आपको बता दें कि यह एक वंशानुगत बीमारी होती है। लेकिन यह और भी कई कारणों से हो सकती है। यह बीमारी 100 में से एक या दो लोगों को ही होती है। सोरायसिस को छाल रोग भी कहा जाता है। यह रोग होने पर त्वचा पर एक मोटी परत इक्ठ्ठी हो जाती है और लाल रंग की त्वचा के रूप में उभरती है । इस बीमारी से त्वचा में खुजली की समस्या होने लगती है।
क्या है सोरायसिस ?
सोरायसिस स्किन की ऊपरी सतह पर होने वाला चर्म रोग है। सोरायसिस एक वंशानुगत बीमारी है लेकिन यह कई अन्य कारणों से भी हो सकता है। यह रोग 100 में से केवल 1 या 2 प्रतिशत लोगों को ही होता है। इसे छाल रोग भी कहते हैं। इसमें त्वचा पर एक मोटी परत जम जाती है और लाल रंग की त्वचा के रूप में उभर जाती है। ज्यादातर यह सिर के बालों के पीछे, हाथ पैर, हथलियों या पीठ पर होता है। इस समस्या में पीड़ित को त्वचा पर खुजली होने लगती है।
कैसे होता है सोरायसिस?
जब हमारे शरीर में पूरी नई त्वचा बनती है तो उस दौरान शरीर के एक हिस्से में नई त्वचा 3-4 दिन में ही बदल जाती है लेकिन सोरायसिस के दौरान त्वचा इतनी कमजोर और हल्की पड़ जाती है जिससे यह बनने से पहले ही खराब होने लगती है। प्रभावित स्किन पर लाल चकते और रक्त की बूंदें दिखाई देने लगती है।
किन लोगों को होती है सोरायसिस की प्रॉब्लम ?
पौष्टिक आहारों की कमी या जो लोग घी-तेल का बिलकुल सेवन नहीं करते उन्हें इस बीमारी का खतरा रहता है क्योंकि इससे स्किन को चिकनाई व मॉश्चराइज नहीं मिल पाता। बहुत ज्यादा तेज धूप में बाहर रहने वाले स्किन की केयर ना करने वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।
सोरायसिस होने पर क्या करें?
ऐसी समस्या होने पर स्किन स्पैशलिस्ट को जरूर दिखाएं। तनाव रहित रहें और थ्रोट इंफैक्शन यानि गले के इंफैक्शन से बचाव करें क्योंकि यह सीधा सोरायसिस को प्रभावित कर रोग को बढ़ाता है। त्वचा को अधिक ड्राई होने से भी बचाएं ताकि खुजली न हो।अगर अभी शुरुआत ही है तो मॉइस्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते रहें।
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