आज के जमाने में एक सच्चा दोस्त होना बहुत बड़ी बात है. इस मतलबी जमाने में लोग एक दूसरे का फायदा उठाने के लिए दोस्त बन जाते हैं और जैसे ही अपना मतलब खत्म होता है, दोस्ती कहां चली जाती है किसी को पता भी नहीं चलता है. इस मामले में हमें बॉलीवुड के फिल्मों से कुछ सीखना चाहिए. आज हम अपने आर्टिकल में कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिस में दिखाया गया है कि सच्ची मित्रता किसे कहते हैं.
इन फिल्मों में दोस्ती के रिश्ते को बखूबी दिखाया गया
रेंचो ( 3 Idiots)
हमें नहीं लगता है कि इस फिल्म के बारे में आपको कुछ बताने की जरूरत है. फिल्म का नाम सुनते ही आपके मन में इस फिल्म से जुड़ी हुई डायलॉग आने चालू हो गए होंगे. 3 इडियट के बाबा रणछोड दास को सभी को याद होगा. लाइफ एंजॉय करने का ज्ञान देने से लेकर मनचाहा कैरियर चुनने की हिम्मत देने तक. ऐसे दोस्त जिंदगी में हो तो हमें किस बात की कम हो. इस बॉलीवुड फिल्म ने हमें सच्चा मित्र क्या होता है बखूबी ज्ञात कराया है.
अवि ( यह जवानी है दिवानी )
यह जवानी है दिवानी का अवि दारू और जुए में चाहे खुद कितना ही बर्बाद हो, लेकिन दोस्ती निभाने में किसी से कम नहीं था. दोस्त के सपने को सपोर्ट करना हर सिचुएशन में साथ देना और बड़े से बड़े गिले-शिकवे एक थप्पड़ में सॉल्भ कर देना कोई अवि से सीखे
सर्किट( मुन्ना भाई MBBS )
यह फिल्म कॉमेडी के साथ-साथ इमोशनल ड्रामा से भरा हुआ है. मुन्ना भाई MBBS के सर्किट के बारे में क्या कहें. अगर संजय दत्त ने दिन को रात और रात को दिन बोल दिया तो सर्किट के लिए वही सही है. ऐसी दोस्ती कम लोगों को ही नसीब होती हैं.
सोनू( सोनू के टीटू की स्वीटी)
यह फिल्म इसी साल रिलीज हुई है. और यह फिल्म सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्मों में से एक हैं. इस फिल्म को देखने के दौरान पहले लोगों को लगा होगा कि सोनू इसमें कमीना है. लेकिन बाद में मूवी देखने पर पता चला कि वह अपने जिगरी दोस्त की हर मुसीबत में ढाल बनकर साथ खड़ा रहा.
जय और वीरू( Sholay)
यदि हम दोस्ती के बारे में बात करें और फिल्म Sholay के जय और वीरु की बात ना करें तो यह सारी फिल्मों के साथ नाइंसाफी होगी. Sholay अपने समय की सुपर डुपर हिट फिल्म रही है. इस फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की दोस्ती कि लोग अभी तक मिसाल दिया करते हैं.
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