बॉलीवुड में विलेन के किरदार से लोकप्रियता पाने वाले अभिनेता अमरीश पुरी का 22 जून को जन्मदिन होता है. भले ही अब वह हमारे बीच ना हो, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार हमेशा के लिए अमर हो गए. अमरीश पुरी ने विलेन के रूप में जो लोकप्रियता हासिल की, वह हीरो भी नहीं कर पाते हैं.
अमरीश पुरी द्वारा फिल्म शहंशाह में बोला गया डायलॉग- टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है, बहुत ज्यादा पसंद किया गया था.
अमरीश पुरी का फिल्म करण अर्जुन में बोला गया डायलॉग- मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना कोई और नहीं. लेकिन तुमने ऐन मौके पर कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गए.
फिल्म ऐतराज़ में अमरीश पुरी ने एक डायलॉग बोला था जो बहुत ज्यादा पसंद किया गया. डायलॉग था- आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है.
फिल्म मिस्टर इंडिया का फेमस डायलॉग मोगैंबो खुश हुआ बच्चे आज भी बोलते रहते हैं.
अमरीश पुरी ने फिल्म दामिनी में एक डायलॉग बोला था- यह अदालत है कोई मंदिर या दरगाह नहीं, जहां मन्नतें और मुरादे पूरी होती हैं, यहां धूपबत्ती और नारियल नहीं बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं.
फिल्म फूल और कांटे में अमरीश पुरी ने एक डायलॉग बोला था- अपनी प्यारी चीज पर जब चोट का एहसास हो तो दिल में दर्द जाग उठता है, बहुत फेमस हुआ.
🔽 CLICK HERE TO DOWNLOAD 👇 🔽
Post A Comment:
0 comments: