देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो गई है. अब सरकार ने हॉटस्पॉट की पहचान कर वायरस को उसी इलाके तक सीमित करने के लिए कंटेंनमेंट प्लान तैयार कर लिया है. ऐसे इलाकों को ब्लॉक कर दिया जाएगा, ताकि वायरस ना फैले.
शनिवार को जारी कंटेनमेंट प्लान के मुताबिक, कोरोना वायरस के वायरस की कुछ इलाकों में आउटब्रेक होने की आशंका है. जबकि देश के अधिकांश हिस्से इससे बचे रहेंगे. ऐसे में इस वायरस को उसी जगह तक सीमित रखने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा.यह वायरस दूसरे इलाके में तबाही ना मचाए. सरकार को आशंका है कि कोरोना वायरस अगर आउटब्रेक होता है तो घनी आबादी वाले इलाकों में ज्यादा और खुले ग्रामीण इलाकों में कम फैलने की संभावना है.
ऐसे में सरकार ने कंटेंनमेंट प्लान तैयार किया है जिसके मुताबिक इससे पीड़ित 81 % मरीजों में सामान्य रूप से बीमारी के लक्षण होते हैं. केवल 14% मरीजों को ही अस्पताल में रखने की जरूरत होगी और ऐसे मरीज 5% है जिन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ेगा. सामान्य रूप से बीमार लोगों को वेंटिलेटर पर नहीं रखना पड़ेगा. उन्हें विशेष अस्पतालों में रखा जाएगा. इसके लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं.
अस्पताल में बहुत गंभीर मरीजों को ही रखा जाएगा. शनिवार को जारी कंटेनमेंट प्लान के मुताबिक वायरस से प्रभावित ऐसे हिस्सों को अलग-थलग कर दिया जाएगा जहां किसी को भी इस इलाके से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा आउटब्रेक वाले इलाके में हर जुकाम और सांस से ग्रसित मरीज की कोरोना वायरस जांच होगी.
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