गैंग्स ऑफ वासेपुर, सत्या और अलीगढ़ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय से लोगों को दीवाना बनाने वाले मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. मनोज बाजपेयी को 90 के दशक में फिल्मों में काम पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. मनोज बाजपेयी सोशल मीडिया के जरिए अक्सर अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात करते रहते हैं.
मनोज बाजपेयी ने एक इंटरव्यू में बताया कि बॉलीवुड में उनका शुरुआती समय बहुत ही मुश्किलों से भरा रहा. जब वह फिल्म इंडस्ट्री में नहीं आए थे, तब ऑडिशन और कास्टिंग निर्देशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता था. मनोज बाजपेयी ने बताया कि जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया, तब कोई ऑडिशन नहीं हुआ करता था.
आप अपनी तस्वीर निर्देशक को देंगे और सुनिश्चित करें कि वह उसे कचरे में फेंक देगा. मैंने खुद ऐसा होते हुए देखा है. कई बार ऐसा हुआ जैसे ही मैंने अपनी पीठ घुमाई, उन्होंने मेरी तस्वीर को कूड़ेदान में फेंक दिया. जैसे ही मैंने अपना पहला शॉट दिया, मुझे फिल्म से बाहर कर दिया गया. मुझे कॉस्टयूम उतारने को बोल दिया गया.
बता दे कि मनोज बाजपेयी को आखिरी बार वेब सीरीज द फैमिली मैन में देखा गया था. उनकी यह वेब सीरीज लोगों को बहुत पसंद आई. यह मनोज बाजपेयी की डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहली वेब सीरीज थी.
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