केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कैशियर बनना चाहती थी. लेकिन उनको मैकडोनाल्ड में झाड़ू-पोंछा का काम मिला. इस बात का खुलासा खुद उन्होंने मुंबई में एक खुदरा क्षेत्र के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान किया. स्मृति ईरानी ने कहा- खुदरा क्षेत्र में काम करने वालों में शर्म का भाव नहीं होना चाहिए. जब मैंने मैकडोनाल्ड में नौकरी शुरू की थी तो मेरा काम झाड़ू-पोछा करना था. उस समय में कैशियर बनना चाहती थी, जो खुदरा क्षेत्र की ही नौकरी है.
स्मृति ईरानी ने कहा- मेरा मानना है आपको अपनी स्थिति पर गर्व होना चाहिए. आपको वह नौकरी मिली है जहां एक कर्मचारी किसी प्रतिष्ठान से इतना लगाव कर सकता है, वह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि यहां एक अच्छे व्यक्तित्व, अच्छे व्यवहार का भाव होता है. यह सब होने पर ही आप खुदरा क्षेत्र में काम कर सकते हैं.
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि वे अपनी नौकरियां बदलती रहीं. उन्होंने अपने पिता की ही कंपनी में सामान उठाकर रखने वाले के तौर पर काम शुरू किया था. लेकिन उसे छोड़ दिया क्योंकि लोगों को लगता था कि यह काम उनके लिए आसान नहीं है.
स्मृति ईरानी ने यह भी बताया कि मैकडोनाल्ड में काम करने से पहले उन्होंने रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों पर भी गुमनाम मालिकों के यहां काम किया. स्मृति ईरानी का मानना है कि केवल शिक्षा ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आपके विचार और रचनात्मकता भी बहुत मायने रखती है.
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