आखिकार 7 साल के लम्बे समय के बाद निर्भया केस के चारों दोषियों को फांसी दे गई. तमाम कानूनी अड़चनों के बाद अब फांसी का रास्ता साफ हुआ है. चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी दे दी गई. इस दौरान तिहाड़ जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किता गया. फांसी के दौरान कई अधिकारी फांसी घर के पास मौजूद रहे, जिनकी निगरानी में फांसी की प्रकिया पूरी की गई. फांसी से पहले दोषियों ने आखिरी इच्छा भी नहीं बताई.
नहीं किया नाश्ता
फांसी से डेढ़ घंटे पहले सुबह 4 बजे चारों दोषियों को उठाया गया, जिसके बाद नहाने के लिए कहा गया, इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन की तरफ से चाय-नाश्ता पूछा गया. लेकिन किसी ने भी नाश्ता नहीं किया. जिसके बाद दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई. किसी ने भी आखिरी इच्छा जाहिर नहीं की.
सिर्फ दो ने खाया खाना
फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, लेकिन पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया. जबकि उनके वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि दोषियों को परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि, दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की. फांसी से पहले दोषियों को तिहाड़ जेल नम्बर 3 में रखा गया जिसमें एक दोषी वार्ड नम्बर 1 में जबकि दूसरा दोषी वार्ड नम्बर 7 की सेल में रहा दो दोषी नम्बर 8 सेल में रहे जो सीधे फांसी वाली जगह से जुड़ता है.
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