फिल्म गोलमाल में अभिनेता उत्तल दत्त को देखते ही लोगों की हंसी छूट जाती है. उत्तल दत्त राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे जिनका जन्म 29 मार्च 1929 को हुआ था. उनके जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं. उत्तल दत्त का जन्म बांग्लादेश में हुआ था जिन्होंने शिलांग से अपनी पढ़ाई की.
लेकिन बाद में उनके पिता गिरिजा रंजन दत्त ने उन्हें कोलकाता भेज दिया, जहां पढ़ाई के दौरान उनकी एक्टिंग में दिलचस्पी हुई. उत्तल दत्त पहले अंग्रेजी थिएटर में काम करना शुरू किया, जिसके बाद वह बंगाली नाटकों में काम करने लगे. उत्तल दत्त के नाटक जनता को पसंद आते थे. लेकिन सरकारों उनसे नाराज रहती थी. वह एक बड़े मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे.
उनके कई बंग्ला नाटक विवादों में रहे, जिनमें से एक कल्लोल था जो 1963 में आया. इस नाटक के जरिए कांग्रेस पर सरकार पर निशाना साधा गया था. इस वजह से कांग्रेस सरकार ने उत्तल दत्त को कई महीनों के लिए जेल में डाल दिया. लेकिन इसके बाद जब बंगाल विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस सरकार को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी.
ऐसा माना गया कि कांग्रेस सरकार की हार के लिए उत्तल दत्त की गिरफ्तारी वजह थी. देश में आपातकाल लगा तो उत्पल दत्त ने तीन नाटक लिखे थे- बैरीकेड, सिटी ऑफ नाइटमेयर्स, इंटर द किंग. उस समय सरकार ने उनके तीनों नाटकों को बैन कर दिया था.
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