निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी पर लटका दिया गया. आरोपियों की दरिंदगी को सबके सामने लाने के लिए पुलिस ने दिन रात एक कर दिया. निर्भया के शरीर पर दातों के कई निशान मिले थे. फोटोग्राफर ने गैंगरेप के 4 दिन बाद यानी 20 दिसंबर 2012 को दांतों के निशान के 10 बड़े फोटो खींचे थे. यह फोटो कर्नाटक धारवाड़ पुलिस ने एसडीएम कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस को भेजे गए. साथ ही इन पांचों आरोपियों के दांतो के मॉडल भी भेजे गए थे. इसके बाद आरोपियों के दांतों की बनावट और निर्भया के शरीर पर मिले दांतों के निशान को मिलाया गया.
विश्लेषण में 10 में से 4 दांतों के निशानों की पहचान हो गई. तीन निशान राम सिंह के और एक निशान अक्षय का था. यह घटनाक्रम को साबित करने का पूरा सबूत था. निर्भया के शरीर पर मिले दांतों के निशान के सबूतों को जुटाने के लिए पुलिस ने हर उस तकनीक को इस्तेमाल किया जिससे आरोपी फांसी के फंदे तक पहुंचे.
पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सभी चीजों की बड़ी बारीकी से जांच की. लेकिन इस दौरान पुलिस को काफी कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. पुलिस ने दोषियों के विरुद्ध सबूत तैयार करने के लिए डीएनए परीक्षण का भी सहारा लिया.
वारदात वाली रात दोषियों ने जो कपड़े पहने थे, उस पर पीड़िता और उसके दोस्त के खून के निशान मिले. आरोपी राम सिंह ने तो जेल में ही आत्महत्या कर ली थी जिसकी चप्पल पर भी पीड़िता के खून के निशान मिले थे. दोषियों ने पीड़िता और उसके दोस्त के कपड़े जला दिए थे. हालांकि आरोपियों को उनकी सजा मिल ही गई.
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