निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 20 मार्च को फांसी की सजा दे दी गई. निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया. हालांकि दोषियों को बचाने के लिए उनके करीबियों की तरफ से हर संभव प्रयास किए गए. दोषी मुकेश की मां ने तो अदालत में अपने बेटे की फांसी रोकने के लिए गुहार लगाई थी. दोषी मुकेश वही है, जो 2015 में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में दिखा था और उसने दुनिया के सामने अपने विचार रखे थे. उसने जो बातें कही थी उससे उसकी सोच पता चलती है.
मुकेश ने बीबीसी को बताया कि बलात्कार के लिए पुरुषों से ज्यादा महिलाएं जिम्मेदार हैं. मुकेश ने उस घटना को याद करते हुए बताया कि निर्भया अपने पुरुष दोस्त के साथ घर लौट रही थी और वह एक बस में सवार हुई. बस में निर्भया के साथ छेड़छाड़ हुई और उसके दोस्त ने जब विरोध किया तो उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. इसके बाद बस के पिछले हिस्से में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया.
मुकेश ने कहा- शालीन महिलाओं को 9:00 बजे के बाद घर से बाहर नहीं घूमना चाहिए. दुष्कर्म के लिए लड़की हमेशा लड़के से ज्यादा जिम्मेदार होती है. लड़का और लड़की बराबर नहीं है. हर लड़की को घर का काम करना चाहिए, ना कि रात में डिस्को या बार में जाकर गलत काम करना चाहिए और खराब कपड़े पहनने चाहिए.
मुकेश ने आगे कहा था- दुष्कर्म के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था. उसे चुपचाप दुष्कर्म होने देना चाहिए था. अगर ऐसा होता तो हम उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाते और सिर्फ उसके दोस्त की पिटाई की जाती. मुकेश का कहना था कि मौत की सजा से लड़कियों के लिए खतरा बढ़ जाएगा. अगर कोई रेप करेगा तो वह लड़की को जिंदा नहीं छोड़ेगा, जैसा हमने किया. उसे जान से मार देगा.
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