Mgid

أرشيف المدونة الإلكترونية

بحث هذه المدونة الإلكترونية

إجمالي مرات مشاهدة الصفحة

निर्भया केस: पर्चियों में लिखकर मां को सुनाई थी निर्भया ने अपनी पीड़ा, दरिंदों ने मेरे शरीर के एक-एक अंग को...

निर्भया केस: पर्चियों में लिखकर मां को सुनाई थी निर्भया ने अपनी पीड़ा, दरिंदों ने मेरे शरीर के एक-एक अंग को...

<-- ADVERTISEMENT -->






निर्भया के आरोपियों को शुक्रवार की सुबह फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. 16 दिसंबर 2012 को देश की बेटी निर्भया को दरिंदगी झेलनी पड़ी थी. लेकिन फिर भी उसने अपना हौसला नहीं खोया. उसने छोटी छोटी पर्चियों पर लिखकर अपनी आपबीती अपनी मां को बताई थी.

-the-poor-have-given-away-every-part-of-my-body

19 दिसंबर 2012

निर्भया ने पर्ची पर लिखा था- मां मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मुझे याद है कि आपने मुझसे बचपन में पूछा था कि मैं क्या बनना चाहती हूं. तब मैंने कहा था कि मैं फिजियोथैरेपिस्ट बनना चाहती हूं. मेरे मन में बस यही बात थी कि मैं किस तरह लोगों का दर्द कम कर सकूं. आज मुझे खुद इतनी पीड़ा हो रही है कि डॉक्टर या दवाई भी इसे कम नहीं कर पा रहे. डॉक्टर मेरे 5 ऑपरेशन कर चुके हैं. लेकिन दर्द कम ही नहीं हो रहा है.

19 दिसंबर 2012

21 दिसंबर 2012

निर्भया ने इस दिन फिर से एक पर्ची लिखी जिसमें लिखा था- मैं सांस भी नहीं ले पा रही हूं. जब भी मैं आंखें बंद करती हूं तो मुझे लगता है कि मैं बहुत सारे दरिंदों के बीच में हूं. जानवर रूपी दरिंदे मेरे शरीर को नोच रहे हैं. बहुत डरावने है यह लोग. यह लोग भूखे जानवर की तरह मेरे ऊपर टूट पड़े. मैं अपनी आंखें बंद नहीं करना चाहती. मुझे डर लग रहा है.

22 दिसंबर 2012

मुझे नहला .दो मैं नहाना चाहती हूं. मैं उन जानवरों की गंदी छूअन को धोना चाहती हूं. मुझे अपने ही शरीर से नफरत होने लगी है.

19 दिसंबर 2012

26 दिसंबर 2012

मैं बहुत थक गई हूं. आप मुझे अपनी गोद में सुला लो. मेरे शरीर को साफ कर दो. कोई दर्द निवारक दवाई दे दो. मेरा दर्द बढ़ता ही जा रहा है. अब मैं जिंदगी की लड़ाई और नहीं लड़ सकती.

🔽 CLICK HERE TO DOWNLOAD 👇 🔽

Download Movie





<-- ADVERTISEMENT -->

controversy

Post A Comment:

0 comments: