सुरों के सरताज ए आर रहमान को ऑस्कर अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. ए आर रहमान अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. ए आर रहमान ने अपनी आवाज से दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाई है. ए आर रहमान आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. वह इंजीनियर बनना चाहते थे.
ए आर रहमान 1980 में दूरदर्शन पर आने वाले एक शो वंडर बैलून में नजर आए थे और उस समय वह केवल 13 साल के थे. ए आर रहमान का नाम दिलीप कुमार था. लेकिन जब वह 23 साल के थे, तब उनकी बहन की तबीयत खराब हुई और इसी दौरान ए आर रहमान के पूरे परिवार ने धर्म परिवर्तन कर लिया. उनका नाम अल्लाह रखा रहमान हो गया.
खास बात तो यह है कि दिलीप कुमार और ए आर रहमान दोनों की पत्नियों का नाम सायरा बानो है. ए आर रहमान ने ही मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एयरटेल की मशहूर धुन बनाई है. ए आर रहमान केवल एक ही रात में रिकॉर्डिंग किया करते थे. उन्होंने अपनी यह प्रथा केवल सुरों के सरताज लता जी का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए की थी.
ए आर रहमान पहले एशियाई है जिन्हें दो ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें स्लमडॉग मिलेनियर के गाने के लिए विश्व का मशहूर अकैडमी अवॉर्ड, बाफ्टा अवार्ड और ग्रैमी अवार्ड भी दिया गया. भारत सरकार की तरफ से ए आर रहमान को पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे सम्मान से नवाजा गया है. उनको लगभग 130 से ज्यादा अवार्ड मिल चुके हैं.
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