बॉलीवुड फिल्मों में जितना एक हीरो का महत्व होता है, उतना ही दमदार किरदार विलेन का भी होता है. जब कोई हीरो किसी हीरोइन से प्यार करने लगता है तो उनकी जिंदगी में किसी विलेन की एंट्री होती है. हिंदी फिल्मों की एक ऐसी ही खलनायिका रही जिन्होंने ज्यादातर फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाई. उनका नाम है बिंदु यानी कि मोना डार्लिंग.
मोना डार्लिंग का असली नाम बिंदु है जिन्होंने अपना फिल्मी करियर 1962 में रिलीज हुई फिल्म अनपढ़ से किया था. उस समय वह 11 साल की थी. देखते ही देखते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बहुत नाम कमा लिया. बिंदु ने विलेन के किरदार में इतनी प्रसिद्धि हासिल की कि लोग उन्हें असल जिंदगी में ही विलेन समझने लगे.
एक इंटरव्यू में बिंदु ने बताया था कि उन्हें रोल ही वैंप के मिले. जब मैंने करियर शुरू किया था तो खलनायिका का दौर था. मैं हीरोइन बनना चाहती थी. लेकिन किसी ने मुझसे कहा कि मैं बहुत पतली हूं, मैं हिंदी ठीक से नहीं बोल सकती, मैं बहुत लंबी हूं लेकिन बाद में मेरी कमियां ही लोगों को पसंद आई. मैंने शुरुआत की फिल्म दो रास्ते के साथ और मैं विलेन बन गई. बिंदु ने खुद को खलनायिका के रूप में बॉलीवुड में स्थापित कर लिया.
फिल्मफेयर मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में बिंदु ने बताया था कि जब वह अपनी बहन के बच्चों के साथ मूवी देखने गईं तो मूवी देखने के बाद उनके बच्चे कहने लगे बिंदु आंटी आप तो हमारे साथ ऐसा नहीं करती. पर फिल्में ऐसा क्यों करती हो. बिंदु ने यह भी बताया कि मेरे किरदारों की वजह से लोग मुझे गालियां देते थे. लेकिन यह गालियां मुझे मेरे लिए अवॉर्ड की तरह लगती थी. इसका मतलब था कि मैं अपना काम सही तरह से कर रही हूं.
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