आप सभी ने फिल्म शोले तो जरूर देखी होगी. लेकिन क्या आपने सोचा है कि फिल्म शोले में ठाकुर बने संजीव कुमार और बसंती हेमा मालिनी का साथ में कोई भी सीन क्यों नहीं था. दोनों एक ही गांव के होते हैं. बसंती जय-वीरू को ठाकुर के घर तक पहुंचाती है. लेकिन कहीं भी फिल्म में संजीव कुमार बसंती का नाम तक नहीं लेते. यह बात हैरान करने वाली है. इसके पीछे की वाजा बहुत दिलचस्प है.
हेमा मालिनी और संजीव कुमार के अफेयर की खबरें 70 के दशक में काफी सुर्खियों में थी. यह भी कहा जाता है कि संजीव कुमार हेमा मालिनी का हाथ मांगने के लिए उनके घर गए थे. लेकिन हेमा मालिनी की अम्मा ने रिश्ता ठुकरा दिया था. फिर भी संजीव कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने अपने जिगरी दोस्त जितेंद्र को लव लेटर देकर हेमा मालिनी के पास भेजा था.
जितेंद्र हेमा मालिनी के खुद दीवाने थे. उन्होंने संजीव कुमार का प्रेम पत्र हेमा मालिनी को अपने नाम से दे दिया. हेमा मालिनी की अम्मा संजीव कुमार से उनका पीछा छुड़ाना चाहती थी. इसीलिए उन्होंने धर्मेंद्र से हेमा के करीब रहने को कहा. लेकिन जब धर्मेंद्र हेमा पर अधिकार जमाने लगे तो उनकी अम्मा परेशान हो गई. तभी जितेंद्र ने हेमा की अम्मा के पास शादी का प्रस्ताव भेजा. हेमा की अम्मा इस रिश्ते के लिए राजी हो गई और उन्होंने अपनी बेटी को भी मना लिया.
ऐसी खबर आई कि जितेंद्र पंडित और मेहमानों के साथ हेमा के घर बारात लेकर गए हैं. जब धर्मेंद्र को इसका पता चला तो वह गुस्सा हो गए और वहां पहुंच गए. इधर जितेंद्र की मंगेतर शोभा भी हेमा के घर पहुंच गई. इस तरह जितेंद्र और हेमा की शादी टूट गई. फिर संजीव कुमार ने एक दिन शोले के सेट पर हेमा मालिनी को प्रपोज कर दिया. जब यह बात धर्मेंद्र को पता चली तो वह गुस्सा हो गए और उन्होंने रमेश सिप्पी से कहा कि वह फिल्म में संजीव और हेमा का कोई भी सीन एक साथ ना फिल्माएं. संजीव हेमा के जवाब का इंतजार करते रहे और धर्मेंद्र ने बाजी मार ली.
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