हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख बहुत ही कामयाब रही और उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दी. आशा पारेख ने जीवन भर अकेले रहने का निर्णय किया. इसके पीछे की वजह भी उन्होंने खुद बताई थी. उन्होंने अपनी बायोग्राफी में इस बात का जिक्र किया था.
हाल ही में वर्व मैगजीन को दिए इंटरव्यू में भी आशा पारेख ने अपने सिंगल रहने की कहानी बताई. आशा पारेख ने कहा कि अकेले रहने का फैसला सबसे अच्छा था. मैं जिस शख्स से प्यार करती थी, वह शादीशुदा थे. मैं ऐसे में उनका घर तोड़कर अपना घर नहीं बसाना चाहती थी. इसीलिए मेरे पास अकेले रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था.
आशा पारेख ने अपनी ऑटो बायोग्राफी द हिट गर्ल में भी खुलासा किया कि वह नासिर हुसैन से प्यार करती थी. लेकिन वह शादीशुदा थे. इसी वजह से आशा ने उनसे दूरी बना कर रखी. आशा पारेख की वहीदा रहमान और हेलेन से बहुत अच्छी दोस्ती है और अक्सर यह तीनों साथ घूमते हुए नजर आते हैं. आशा पारेख को 1992 में उनके हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
आशा पारेख ने अपना करियर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू किया था. लेकिन उन्होंने फिल्म दिल देकर देखो से बतौर लीड अभिनेत्री शुरुआत की. इस फिल्म में शम्मी कपूर मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म से आशा पारेख को बहुत कामयाबी मिली और उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. आशा पारेख सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष बनी.
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