ऋषि कपूर अपनी बीमारी का इलाज करवाने के बाद भारत वापस लौट आए हैं. ऋषि कपूर आए दिन अपने बयानों की वजह से सुर्खियां बटोरते रहते हैं. हाल ही में आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने कुछ ऐसा बयान दिया जिसकी वजह से वह चर्चा में छाए हुए हैं.
ऋषि कपूर ने कहा- हमारे देश की सरकार जिस हिसाब से देश के आर्टिस्ट्स के साथ व्यवहार करती है, उससे मैं बहुत ही खफा हूं. भारत एक ऐसा देश है, जिसकी पहचान विश्व में अपने म्यूजिक, कल्चर और सिनेमा के लिए है. लेकिन हमारे देश में आर्टिस्टों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है.
ऋषि कपूर ने आगे कहा कि देश में जो भी सड़कें, फ्लाईओवर और एयरपोर्ट बनते हैं उनका नाम नेताओं के नाम पर रखा जाता है. लेकिन किसी पब्लिक प्लेस का नाम आर्टिस्ट के नाम पर क्यों नहीं रखा जाता. हमारे देश में पंडित रवि शंकर उस्ताद, अल्लाह रक्खा खां, लता मंगेशकर जी जैसे कई शानदार कलाकार है. इनका सिनेमा में बहुत बड़ा योगदान है, जिसे नहीं भुलाया जा सकता. पूरी दुनिया में उनके योगदान को सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं होता है.
दुनिया भर में होता है कलाकारों का सम्मान, लेकिन भारत में नहीं
ऋषि कपूर ने आगे कहा कि अमेरिका में माइकल जैक्सन, एल्विस प्रेसली जैसे कई आर्टिस्ट्स के नाम पर पब्लिक प्लेसेस है. लेकिन हमारे देश में सभी चीजों के नाम राजनेताओं के नाम पर रखे जाते हैं. कल्पना चावला ने विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया और वह प्रेरणा का स्रोत है. लेकिन राजनेता अपने एजेंडे के तहत पब्लिक प्लेसेस को सिर्फ नेताओं के नाम पर रखते हैं.
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