फिल्मी दुनिया के कई ऐसे किस्से हैं, जिनके बारे में जानकर अक्सर लोगों को हैरानी होती है. बॉलीवुड के पहले डांसिंग स्टार कहे जाने वाले अभिनेता भगवान दादा के जीवन से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा है, जिसके बारे में शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे.
भगवान दादा फिल्मों में शूटिंग के लिए किसी बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं करते थे. वह सारे स्टंट सीन भी खुद ही करते थे. उनके द्वारा निर्देशित और निर्मित फिल्म के एक सीन में उन्हें पैसों की बारिश दिखानी थी. इसके लिए उन्होंने नकली नहीं, बल्कि असली नोटों का इस्तेमाल किया था. लेकिन एक गलती की वजह से फिल्म की हीरोइन कोमा में चली गई.
1942 में फिल्म जंग ए आजादी के सेट पर एक सीन की शूटिंग चल रही थी. इस सीन में भगवान दादा को ललिता पवार को थप्पड़ मारना था. भगवान दादा ने इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि ललिता पवार गिर पड़ी और उनके काम से खून बहने लगा. उन्हें तुरंत ही डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां वह डेढ़ दिन तक कोमा में रहीं. इलाज के बाद ललिता पवार ठीक तो हो गई. लेकिन उनकी दाहिनी आंख में लकवा मार गया.
समय के साथ सब ठीक हो गया. लेकिन ललिता पवार की दाहिनी आंख पूरी तरह से सिकुड़ गई जिसकी वजह से उनका चेहरा खराब हो गया. इसके बाद ललिता पवार को लीड हीरोइन की जगह फिल्मों में नेगेटिव रोल के ऑफर मिलने लगे. इस बात का भगवान दादा को जीवन भर अफसोस रहा. लेकिन ललिता ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर बॉलीवुड में खूब नाम कमाया.
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