जाने-माने फिल्म एडिटर संजीव कुमार दत्ता इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। हालांकि उनकी मृत्यु के बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। इकबाल, तीन दीवारें, एक हसीना थी और 8x10 तस्वीर जैसी फिल्मों का संपादन कर चुके संजीव कुमार दत्ता को फिल्म डायरेक्टर अश्विन चौधरी ने फेसबुक वॉल पर श्रद्धांजलि दी और बताया कि वह बहुत ही अच्छे संपादक एवं एक महान व्यक्तित्व के थे।
संजीव दत्ता ने फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट से फिल्म संपादन की ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म संपादक रेनू सलूजा के सहायक के तौर पर की थी। उनके माध्यम से ही संजीव कुमार दत्ता को बतौर संपादक पहली फिल्म मिली। बतौर संपादक 1998 में उनकी पहली फिल्म बड़ा दिन रिलीज हुई थी। हमेशा से ही संजीव कुमार दत्ता ने रेनू सलूजा का सम्मान किया। जब उनका निधन हो गया तो वह महीने भर तक उनकी लैंडलाइन पर रेनू सलूजा की रिकॉर्डेड आवाज सुनने के लिए फोन करते थे।
साल 2004 में फिल्म एक हसीना रिलीज हुई थी जिसका डायरेक्शन श्रीराम राघवन ने किया था। इस फिल्म के लिए संजीव कुमार दत्ता को सर्वश्रेष्ठ संपादन का जी सिने अवार्ड दिया गया। साल 2014 में आई रानी मुखर्जी की फिल्म मर्दानी के लिए संजीव कुमार दत्ता को बेस्ट संपादन के लिए स्क्रीन अवार्ड मिला था।
बता दे कि संजीव कुमार दत्ता ने सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि बंगाली भाषा की फिल्मों का संपादन भी किया। उन्होंने अपने करियर में कई अवार्ड जीते। बॉलीवुड इंडस्ट्री ने बहुत ही महान कलाकार खो दिया है। फैंस उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहे हैं। उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हम चाहते हैं कि भगवान उनके परिवार वालों को इस दुख से निपटने में शक्ति प्रदान करें।
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