फ़िल्म सितारे आज के युग में सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व में एक हैं। सार्वजनिक जीवन में रहने वाले ये अदाकार, स्टार्स बनते हैं जनता की रजामंदी से शायद इसलिए जनता पर प्रभाव भी इनका सबसे अधिक होता है। बॉलीवुड स्टार्स में आज कल फ़िटनेस का चलन शीर्ष पर है। सिक्स पैक्स कॉमन हो चुके हैं, 50 साल से ज़्यादा उम्र के सितारों की भी मसल्स है और कुछ सितारे फ़िल्म की मांग के अनुसार बहुत कम समय में शिल्पकृत शरीर के स्वामी बन जाते हैं। क्या एक साधारण इंसान के लिए इतनी जल्दी मसल बना पाना,प्राकृतिक तरीके से संभव है, चलिए चर्चा करते हैं।
सबसे पहले तो ये कि कई ऐसे सितारे हैं जो किसी रोल की डिमांड पर अपनी बॉडी में परिवर्तन लाते हैं जैसे 'ओम शांति ओम' के समय शाहरुख़ ख़ान ने अपने सिक्स पैक एब्स दिखा कर फ़िल्म जगत में खलबली सी मचा दी थी या जब 'सुल्तान' के लिए सलमान काफ़ी 'बल्क अप' हुए थे क्योंकि उनका रोल एक रेसलर का था। आमिर ख़ान के दंगल 'ट्रांसफॉर्मेशन' ने भी कई उंगलियाँ खड़ी कीं। सवाल यह है कि जो सितारे अपनी उम्र के इस पड़ाव में हैं क्या वो इतनी जल्दी अपने भीतर इतनी तेजी से परिवर्तन ला सकते हैं। जहां आमिर के ट्रेनर राहुल भट्ट ने आमिर की दंगल बॉडी के लिए ट्रांसफॉर्मेशन को पूरी तरह नेचुरल बताया वहीं 'क्विंट' में छपे एक फ़िटनेस एक्सपर्ट ने इस बात पर उंगली उठाई।
दरअसल बॉलीवुड में जब एक स्टार को बॉडी बनानी होती है, एक समय सीमा के भीतर, तो उस स्टार के साथ उसकी पूरी टीम होती है, जिसमें होते हैं वर्ल्ड क्लास ट्रेनर, डायटीशियन और मेडिकल एक्सपर्ट। मेडिकल एक्सपर्ट का काम होता है स्टार को आवश्यक सप्लीमेंट्स देना जिससे बॉडी तेजी से डेवलप हो, इन सप्लीमेंट्स में सबसे आवश्यक है 'स्टेरॉयड्स'। स्टेरॉयड्स बॉडी के हॉर्मोन्स के साथ खिड़वाड़ करते हैं और शरीर की रिकवरी की गति को बढ़ा देते हैं। स्टेरॉयड्स के सेवन से वर्जिश के बाद शरीर तेजी से हील होता है और आप लंबे समय तक एक्सरसाइज कर सकते हैं। साथ ही 'ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन्स' भी दिए जाते हैं जो बॉडी के 'टेस्टोस्टेरोन' नामक हॉर्मोन का लेवल बढ़ा देता है। इन दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट कम हो उसके लिए 'पोस्ट साईकल थेरेपी'(PCT) चलती है और यह सब एक्सपर्ट्स की देख रेख में किया जाता है।
दरअसल इसके पीछे साइंस यह है कि आप मसल किसी भी उम्र में बिल्ड नहीं कर सकते और 50 के बाद यह प्राकृतिक तरीके से बेहद मुश्किल हो जाता है। उम्र के साथ 'टेस्टोस्टेरोन' हॉर्मोन्स में कमी आना स्वाभाविक है,यह हॉर्मोन 18-21 की उम्र में अपने शिखर पर होते हैं। आमिर खान ने पहली बार अपनी मसल बिल्ड की फ़िल्म ग़ज़नी के लिए,वो भी एक साल के भीतर 43 की उम्र में, 3 इडियट्स के लिए उन्होंने अपनी मसल लूज़ की और धूम 3 में वापिस मसल बनाई 9 % बॉडी फैट के साथ यह एक आम इंसान के लिए नामुमकिन के करीब है। यही बात सलमान के लिए भी की जा सकती है। हालांकि सलमान काफ़ी यंग एज से बॉडी बना रहे हैं पर सुल्तान फ़िल्म के लिए अपने 'मसल मास' को 51 साल की उम्र में बढ़ाना प्राकृतिक तौर पर संभव नहीं। बहुत कम उम्र में सलमान खान के बाल झड़ने पर भी सलमान पर सप्लीमेंट्स लेने के आरोप लगाए गए थे।
सेलिब्रिटी फ़िटनेस ट्रेनर और महेश भट्ट के सुपुत्र राहुल भट्ट ने भी माना कि सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं हॉलीवुड में भी 'स्टेरॉयड' का इस्तमाल अपनी चरम पर है। 'हॉलीवुड रिपोर्टर' नामक मैगज़ीन के अनुसार 40 की उम्र के बाद सिक्स पैक ऐब्स बनाये रखना बेहद मुश्किल है। यह तभी संभव है जब आप अनुवांशिक रूप से बहुत बेहतर हों। कई एक्टर्स फ़िल्म उद्योग में 40 के बाद एब्स बनाना शुरू करते हैं और बहुत कम समय में बना भी लेते है जो जाहिर सी बात है उनकी क्षमता पर संदेह प्रकट करता है।
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