सुनील दत्त और नरगिस की प्रेम कहानी के किस्से जगजाहिर थे। सुनील दत्त और नरगिस की मुलाकात कैसे हुई और कब दोनों एक-दूसरे को प्यार करने लगे। इस बारे में काफी कुछ लिखा गया है। लेकिन आपको बता दें कि जब नरगिस कैंसर से पीड़ित थी और उनका इलाज चल रहा था तो उनके साथ क्या हुआ। इस बारे में आज हम आपको कुछ बताने वाले हैं।
नरगिस और सुनील दत्त अपनी शादीशुदा जिंदगी में बहुत खुश थे। लेकिन जब पता चला कि नरगिस को कैंसर है तो सुनील दत्त के जीवन में भूचाल आ गया और उन्होंने बहुत मुश्किल से खुद को संभाला। सुनील दत्त कुछ भी करके नरगिस को ठीक करना चाहते थे। वह नहीं चाहते थे कि नरगिस उनसे दूर जाएं। इसीलिए वह दुनिया के बेहतरीन डॉक्टरों से नरगिस का इलाज करवाना चाहते थे, जिसके लिए वह नरगिस को विदेश भी लेकर गए।
नरगिस का इलाज शुरू हुआ। नरगिस की कीमोथेरेपी चल रही थी तो उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। नरगिस को दर्द से तड़पता देख सुनील दत्त परेशान हो जाते थे और वह अंदर ही अंदर टूट रहे थे। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने अंदर की भावना बाहर जाहिर नहीं होने दी। सुनील दत्त को उम्मीद थी कि जल्द ही वे इस दर्द से बाहर आ जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नरगिस अपने दर्द से उबर पाती उससे पहले ही वे कोमा में चली गईं। नरगिस को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखने की नौबत तक आ गई थी। डॉक्टर हार मान चुके थे। लेकिन फिर भी सुनील दत्त को विश्वास था कि नरगिस ठीक हो जाएंगी। जब कई दिनों तक नरगिस की हालत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उनसे कहा कि वह नरगिस को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दें। ताकि वह चैन से मर सके।
डॉक्टरों की यह बात सुनते ही सुनील दत्त आपा खो बैठे। वह दिन-रात नरगिस के ठीक होने की प्रार्थना करते रहते। एक दिन ऐसा भी आया, जब नरगिस कोमा से बाहर आईं और सुनील दत्त बहुत खुश हो गए। नरगिस भी काफी खुश थी, क्योंकि उनके बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी रिलीज होने वाली थी। वे इस फिल्म के प्रीमियर में जाना चाहती थी और सुनील दत्त ने इसके लिए खास इंतजाम करवाया। बेटे के बगल में ही उन्होंने नरगिस के बैठने का इंतजाम किया। लेकिन इससे पहले ही नरगिस दुनिया को अलविदा कह गई, जिसके बाद सुनील दत्त का जीवन दुखों से भर गया।
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