आप सभी लोग लक्ष्मी अग्रवाल को जरूर जानते होंगे जिनको एसिड अटैक सर्वाइवर के नाम से जाना जाता है। लक्ष्मी अग्रवाल अपने सपनों के साथ-साथ दूसरों के सपनों के लिए जी जान से लड़ना जानती थी। वह 5 साल पहले भी ऐसी ही थी और आज भी बिल्कुल वैसी ही हैं।
लक्ष्मी अग्रवाल जब भी उस घटना को याद करती है तो काफी सहम जाती हैं। उनका कहना है कि जब मैं दिल्ली के खान मार्केट से जा रही थी तभी उन्होंने मुझे धक्का मार कर गिरा दिया। उन्होंने मेरे चेहरे पर तेजाब फेंका। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैंने शादी से इनकार कर दिया। जब प्लास्टिक को आग में डाला जाता है तो वह पिघलती है। उस तरह से ही मेरी त्वचा भी पिघल रही थी। सड़कों पर चलती हुई मैं गाड़ियों से टकरा रही थी। मुझे अस्पताल ले जाया गया। मैं अपने पिता से लिपट कर रो रही थी। इस वजह से उनकी शर्ट भी जल गई। मुझे उस वक्त नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हुआ। डॉक्टर मेरी आंखों को सिल रहे थे। मैं उस वक्त बेहोश नहीं थी। मुझे 2 महीनों तक हॉस्पिटल में ही रहना पड़ा था।
जब मैं अस्पताल से घर वापस आई और अपने चेहरे को देखा तो मैंने सोचा कि अब मेरी जिंदगी खत्म हो चुकी है। हालांकि उनके सभी सपने धीरे-धीरे पूरे हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि भले ही मेरे ऊपर तेजाब फेंका गया हो जिसमें मैं झुलस गई। लेकिन मेरे सपने उनमें नहीं झुलसे हैं। बता दें कि जल्द ही दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक रिलीज होने वाली है जो लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है।
जब लक्ष्मी अग्रवाल पर एसिड अटैक हुआ था तब वह मात्र 15 साल की थी। 40 साल के आदमी ने उनके ऊपर तेजाब फेंका था। वह लक्ष्मी से प्यार करता था। लेकिन लक्ष्मी ने उसका प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उस आदमी का मकसद पूरी तरह से लक्ष्मी को बर्बाद करने का था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लक्ष्मी की 4 साल की बेटी भी है जिसका नाम पीहू है।
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